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जंगल में अब टूरिस्टों को नहीं दिखेगा ‘बिट्टू’, ट्रेन से कटकर बाघ की मौत; अब तक 18 बाघों की गई जान

महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में बल्लारशाह-गोंदिया रेल मार्ग पर ट्रेन की टक्कर में नर बाघ (टी-40) की मौके पर मौत हो गई. बाघ का नाम ‘बिट्टू’ था. यह घटना बीती रात को सिंदेवाही वनपरिक्षेत्र अंतर्गत हुई. घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने मृत टाइगर का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए चंद्रपुर भेज दिया. इस रेल मार्ग पर प्रतिवर्ष दर्जनों जानवरों की मौत हो जाती है, जिससे यह उनके लिए काल बनता जा रहा.

पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र था ‘बिट्टू’

जानकारी के अनुसार, बीते रविवार की रात गोंदिया से बल्लारशाह जा रही ट्रेन संख्या 68804 की चपेट में आने से 14 वर्ष की आयु के नर टाइगर की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि ये नर बाघ जय का बच्चा ‘बिट्टू’ था. इस बाघ की एक झलक पाने के लिए पर्यटक घंटों तक एक ही जगह पर अपना समय बिता देते थे. ‘बिट्टू’ नामक यह बाघ पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र था. यह घटना सिंदेवाही वनपरिक्षेत्र के नियत क्षेत्र कालगाय के रेल मार्ग पर घटी.

आज सुबह सूचना मिलने पर ब्रम्हपुरी डीसीएफ कुमार स्वामी, एसीएफ महेश गायकवाड के मार्गदर्शन में सिंदेवाही के पशु चिकित्सक डॉ. विनोद सुरपाम ने बाघ का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए चंद्रपुर भेज दिया. मौके पर सिंदेवाही वनपरिक्षेत्र की अधिकारी अंजली सांयकार, क्षेत्र सहायक नितीन गडपायले, एनटीसीए प्रतिनिधि बंडू धोत्रे, एनटीसीए प्रतिनिधि मुकेश भांदककर, स्वॉब संस्था अध्यक्ष यश कायरकर आदि उपस्थित थे.

अब तक ट्रेन की टक्कर से 18 बाघों की मौत

टीटीसी चंद्रपुर में बाघ ‘बिट्टू’ का पोस्टमार्टम किया गया और फिर मृत बाघ का अंतिम संस्कार किया गया. गोंदिया-बल्लारशाह रेल मार्ग घने जंगलों से गुजरता है. इस रेल मार्ग पर न ही कहीं अंडरपास है और न ही ओवरपास. इसकी वजह से प्रतिवर्ष यह रेल मार्ग अनेक जानवरों के काल का कारण बन गया है. अनेकों बार पर्यावरण प्रेमी रेल मार्ग पर अंडरपास की मांग कर चुके हैं, लेकिन आज तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया. इसकी वजह से जानवरों की जान जाने का सिलसिला जारी. अब तक ट्रेन की टक्कर से इस मार्ग पर 18 बाघों की मौत हो चुकी है.

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