बिहार

आज छपरा से आरा राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा, अखिलेश यादव देंगे मुहिम को धार

बिहार में राहुल-तेजस्वी और महागठबन्धन की वोटर अधिकार यात्रा अपने 14वें दिन छपरा से आरा तक जाएगी. इसमें समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी शामिल होंगे. खास बात ये है कि, वोट चोरी और SIR के मुद्दे के साथ अब इस यात्रा में पलायन, बेरोजगारी, महंगाई, चिकित्सा, शिक्षा, किसान जैसे मुद्दों के साथ जातिगत जनगणना और आरक्षण की सीमा को तोड़ने का मुद्दा भी जोड़ा रहा है.

17 अगस्त को शेरशाह सूरी और बाबू जगजीवन राम की धरती सासाराम से शुरु हुई महागठबंधन की वोटर विकास यात्रा शुरुआत में वोट चोरी और SIR पर फोकस दिखी. लेकिन सूत्रों का कहना है कि, यात्रा में महागठबंधन अपनी बात कार्यकर्ताओं और जनता तक पहुंचा पाया, भीड़ भी जुट रही है.

लोकलुभावन वादे करने की रणनीति

ऐसे में चुनाव तक टेम्पो बनाये रखने के लिए अब राज्य में पलायन, महंगाई, बेरोजगारी, किसानों, चिकित्सा, शिक्षा की दुर्दशा को भी केंद्र में लाया जा रहा है. साथ ही लोकलुभावन विज़न भी देना शुरू कर दिया गया है यानी गागर में सागर भरने के लिए लोकतंत्र, संविधान की लड़ाई के साथ जनता के मुद्दे उठाकर लोकलुभावन वादे करने की रणनीति है.

दलित और ईबीसी को जोड़ने की कोशिश

इसके साथ ही राहुल गांधी की नजर महागठबंधन के पारंपरिक वोट में दलित और ईबीसी को जोड़ने पर है. इसीलिए पहले राहुल गांधी ने दलित नेता राजेश राम को अध्यक्ष बनाया, फिर दलित-पिछड़ों के लिए संविधान सम्मेलन में जातिगत जनगणना कराने के साथ आरक्षण की सीमा तोड़ने का वायदा बार-बार दोहरा रहे हैं.

बिहार की सरजमीं पर उतरे बड़े नेता

इसीलिए कांग्रेस ने जातिगत जनगणना और आरक्षण सीमा के दावे को मजबूती देने के लिए पायलट प्रोजेक्ट बताकर तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी को बिहार यात्रा में उतारा. फिर ओबीसी के बड़े चेहरे कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया और सचिन पायलट भी राहुल गांधी के साथ बिहार की सरजमीं पर आए.

अखिलेश यादव यात्रा में होंगे शामिल

कुल मिलाकर ओबीसी से आने वाले तेजस्वी यादव, मुकेश सहनी के साथ यात्रा निकाल रहे राहुल गांधी की यात्रा में तमिलनाडु सीएम स्टालिन और कांग्रेस के बड़े ओबीसी नेताओं के बाद 14वें दिन बड़ा चेहरा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव छपरा से आरा तक हिस्सा बनकर इस मुहिम को और धार देंगे. ऐसे में बिहार की सिवान, छपरा,आरा की धरती पर देश के तीन लड़कों की तिकड़ी पहली बार सड़क पर होगी. अब ये तीन इक्के साबित होंगे या तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा ये चुनाव में जनता तय करेगी.

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