World

ईरान के मिसाइल कार्यक्रम को रोकने US ने किया एक्शन, भारत समेत 7 देशों की 32 कंपनियों और व्यक्तियों पर लगे प्रतिबंध

अमेरिका पूरी तरह से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करना चाहता है और उसको परमाणु ताकत हासिल नहीं करने देना चाहता है. इसी के चलते देश ने अब 32 लोगों पर एक्शन लिया है. अमेरिका ने बुधवार को ईरान के मिसाइल और UAV कार्यक्रमों का समर्थन करने वाले 32 व्यक्तियों और संस्थाओं, जिनमें भारत भी शामिल है पर प्रतिबंध लगाए हैं.

US ने लिया एक्शन

विदेश विभाग ने एक बयान में कहा, ये नेटवर्क मिडिल ईस्ट में अमेरिकी और सहयोगी कर्मचारियों के लिए और लाल सागर में वाणिज्यिक शिपिंग के लिए खतरा पैदा करते हैं. विदेश विभाग ने आगे कहा कि अमेरिका सभी उपलब्ध साधनों का उपयोग जारी रखेगा, जिसमें तीसरे देशों में स्थित संस्थाओं पर प्रतिबंध भी शामिल हैं, ताकि ईरान की बैलिस्टिक मिसाइल और UAV कार्यक्रमों के लिए उपकरण और चीजों की खरीद को रोक सके, जो क्षेत्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय स्थिरता के लिए खतरा हैं.

अमेरिका के वित्तीय खुफिया के उपसचिव जॉन के. हर्ले ने कहा, दुनिया भर में, ईरान वित्तीय प्रणालियों (Financial Systems) का इस्तेमाल धन शोधन, अपने परमाणु और पारंपरिक हथियार कार्यक्रमों के लिए घटक हासिल करने और अपने आतंकवादी दलालों का समर्थन करने के लिए करता है.

ईरान की परमाणु ताकत को रोकने के लिए एक्शन

जॉन के. हर्ले ने आगे कहा, राष्ट्रपति ट्रंप के निर्देश पर, हम ईरान पर अपने परमाणु खतरे को समाप्त करने के लिए अधिकतम दबाव डाल रहे हैं. अमेरिका यह भी अपेक्षा करता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ईरान पर संयुक्त राष्ट्र के दोबारा लागू किए गए प्रतिबंधों को पूरी तरह लागू करे, ताकि उसकी वैश्विक वित्तीय प्रणाली तक पहुंच कट जाए.

अमेरिका ने कहा कि यह कार्रवाई नेशनल सिक्योरिटी प्रेसिडेंशियल मेमोरेंडम 2 के अनुपालन में की जा रही है, जो अमेरिकी सरकार को निर्देश देता है कि वो:

  1. ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को रोकें,
  2. ईरान के अन्य पारंपरिक हथियारों के विकास का मुकाबला करें,
  3. ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकें
  4. इस्लामी रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (IRGC) को उन संपत्तियों और संसाधनों तक पहुंच से वंचित करें, जो उनके अस्थिर गतिविधियों को बनाए रखने में सहायक हैं.

अमेरिका ने भारत स्थित Farmlane Private Limited (Farmlane) को यूएई स्थित कंपनी Marco Klinge (Klinge) से जोड़ा, जिस पर आरोप है कि उसने सोडियम क्लोरेट और सोडियम पर्क्लोरेट जैसे सामग्री की खरीद में मदद की.

Related Articles

Back to top button