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लोकसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस का ये राज्य करेगा बहिष्कार, अब क्या करेंगे पीएम मोदी और राहुल गांधी

नई दिल्ली, 30 मार्च। नागालैंड के छह जिलों को मिलाकर एक अलग प्रशासन या राज्य की मांग कर रहा ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ENPO) केंद्र द्वारा उसकी मांग पूरी होने तक नागालैंड की एकमात्र लोकसभा सीट के चुनाव में हिस्सा नहीं लेने के अपने फैसले पर अड़ा हुआ है। तुएनसांग में 20 विधायकों और विभिन्न अन्य संगठनों के साथ मैराथन करीबी समन्वय बैठक करने के बाद ईएनपीओ नेताओं ने शुक्रवार को एक बार फिर राज्य में 19 अप्रैल के संसदीय चुनावों का बहिष्कार करने की घोषणा की।

जारी रहेगा सार्वजनिक आपातकाल
20 विधायकों वाले पूर्वी नागालैंड विधायक संघ ने पहले ईएनपीओ से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था। नागालैंड के पूर्वी हिस्से में 8 मार्च से शुरू हुआ ‘सार्वजनिक आपातकाल’ जारी रहेगा।

गृहमंत्री अमित शाह ने दिया था आश्वासन
छह जिलों में शीर्ष नागा निकाय ENPO और उससे जुड़े संगठनों ने अपनी अलग राज्य की मांग के समर्थन में पिछले साल विधानसभा चुनावों का भी बहिष्कार करने का आह्वान किया था, लेकिन बाद में गृहमंत्री अमित शाह के आश्वासन के बाद इसे वापस ले लिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ईएनपीओ की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए पिछले साल पूर्वोत्तर के सलाहकार ए.के. की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। पैनल ने कई बार नागालैंड का दौरा किया और सभी पक्षों से बात की।

नागालैंड के सीएम ने क्या कहा
नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने हाल ही में कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही केंद्र से सिफारिश की है कि पूर्वी क्षेत्र के लोगों के लिए एक स्वायत्त क्षेत्र स्थापित किया जाए।

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