धर्म/अध्यात्महरियाणा

बड़ों की देखभाल व आदर करने का संदेश देता है यह त्यौहार: बीके रजनी

भिवानी, (ब्यूरो): लोहड़ी के पावन पर्व पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ,दिव्य भवन, रुद्रा कॉलोनी, भिवानी में आयोजित आध्यात्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान बीके रजनी दीदी जी ने लोहड़ी के आध्यात्मिक रहस्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि जैसे लोहड़ी पर ठिठुरती हुई सर्दी के अंदर अलग-अलग जगह से गोसे, लकड़ी व बनछटी इक_ी करके जलाई जाती है और ठिठुरती हुई सर्दी में उसे आराम मिलता है। इसी प्रकार परमात्मा की याद वह अग्नि है जोकि दु:ख, परेशानी, अशांति से निजात दिलाता है। इस दिन दिल व मूंगफली भी बांटे जाते हैं क्योंकि भारतीय संस्कृति अपनी हर फसल, अपने हर आने वाले नई चीज को समाज में सबके के साथ मिल बांटकर उसका आनंद देती है। इसी तरीके से मकर संक्रांति का त्यौहार यह संदेश देता है कि अपने बड़ों का आदर करना चाहिए और अज्ञान नींद में सोए हुए लोगों को जगाना चाहिए और अपने गलतियों की माफी मांग कर रूठे हुए को मनाना चाहिए। इस दिन दान का भी बड़ा महत्व है। इसीलिए निराकार परमपिता परमात्मा शिव कहते हैं हमें भी अपने संपर्क में आने वाली हर आत्मा को दान करना है स्नेह का ,सहयोग का ,सद्भावना का जिससे हर आत्मा खुशी और आनंद का अनुभव करें । इसके साथ ही बीके रजनी दीदी जी ने सभी युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि अगर हम अपने बुजुर्गों का आदर सम्मान व देखभाल दिल से करें तो हमारा परिवार खुशहाल व दुआओं से भरपूर हो सकता है। इस अवसर पर बीके संदीप ,बीके सज्जन, बीके राजकुमार, बीके धर्मावती, बीके मंजू चौहान, बीके मंजू गोयल, बीके अंजू आदि ने डांडिया गरबा विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं में भाग लिया और पुरस्कार भी वितरण किए गए।
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कार्यक्रम में भाग लेते हुए बीके रजनी व अन्य।

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