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बंटवारे में पाकिस्तान से आई थी ये मिठाई, होली पर बनती है ‘सिंधी गियर’; स्वाद भी लाजवाब

भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के समय पाकिस्तान से भारत आई एक मिठाई आज भी लोगों को आकर्षित करती है. ये मिठाई सिर्फ होली के त्योहार पर ही बनाई जाती है. सिंधी गियर मिठाई सिंधी समाज के लोगों की पसंदीदा बनी हुई है. सिंधी समाज के लोग इस मिठाई को बहन बेटियों को भी भेजते है और यह एक सप्ताह से अधिक समय तक खराब भी नहीं होती है.

भले ही पाकिस्तान और भारत में में खटास देखने को मिल रही हो लेकिन पाकिस्तान से आई सिंधी गियर मिठाई भारत में मिठाई घोल रही है. उदयपुर शहर के शक्तिनगर में सिंधी गियर की दुकान पर लोगों की भीड़ मिठाई के लिए उमड़ती है. जहां पर लोग मिठाई को अपने परिवार की बहन बेटियों को भी वितरित करते हैं. खास बात यह है कि यह मिठाई सिर्फ होली के त्योहार पर ही बनाई जाती है. सिंधी समाज से जुड़े परिवार के लोग इस मिठाई को बड़ी तादाद में खरीदतें हैं. मिठाई का स्वाद आकर्षित होने के चलते सिंधी समाज के अलावा शहरवासी और अन्य समाज के लोग भी इसको बड़े उत्साह के साथ खरीदने लगे हैं.

उदयपुर में मिलती है ये खास मिठाई

उदयपुर में सिंधी गियर मिठाई बनाने वाले व्यापारी हर्ष कालरा बताते हैं कि भारत पाकिस्तान के बंटवारे के समय सिंधी समाज के लोग जब पाकिस्तान से भारत आए थे. तब मिठाई की परंपरा सिंधी गियर भी उनके साथ भारत आई थी. तभी से होली के त्योहार पर इस मिठाई का विशेष महत्व रहता है. सदियों से चली आ रही परंपरा और बंटवारे के बाद भारत आए सिंधी परिवार भी इसका निर्वहन करते हैं. हल्की खटास के साथ त्यौहार के मौसम में मीठास घोलने वाली मिठाई है.

ऐसे बनाई जाती है मिठाई

सिंधी गियर मिठाई एक बड़ी जलेबी के रूप में होती जो एक सप्ताह से अधिक समय तक भी खराब नहीं होती है. व्यापारी हर्ष ने कहा कि इसे मैदे से बनाया जाता है और मैदे को 2 से 3 दिन तक घोला जाता है. जब खटास आ जाती है तो फिर इसे बनाया जाता है. इसे चासनी में रखकर मीठा किया जाता है जो खटास के साथ मिठाई आ जाती है. अभी यह 260 रुपए किलो बिकती है. सिंधी समाज के लोग होली के त्योहार पर बहन बेटियों को मिठाई के रूप में सिंधी गियर भेजते हैं.

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