असली नोटों के बीच कागज की गड्डी लगाकर करते थे धोखाधड़ी, बड़ी कंपनी और अमीर लोगों को बनाते थे निशाना
आठ करोड़ के नकली और असली नोटों के साथ तीन गिरफ्तार
न्यूज़ डेस्क उत्तरप्रदेश। नोएडा। राजेश शर्मा। उत्तर प्रदेश के गौतमबुध नगर के दनकौर क्षेत्र में पुलिस ने असली नोट के बीच कागज की गड्डी लगाकर धोखाधड़ी करने वाले डीके गैंग का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गैंग में शामिल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके कब्जे से आठ करोड़ के नकली, 2.34 लाख के असली नोट और अन्य सामान बरामद किये है।
दनकौर कोतवाली पुलिस ने गिरोह के तीन आरोपियों दिल्ली जेजे कालोनी के विशाल चौहान, अशोक विहार दिल्ली के मोबिन खान, आगरा के उपेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है। वहीं, लखनऊ निवासी गिरोह का सरगना परवेज कुमार उर्फ डीके अभी फरार है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से आठ लोहे के बक्सों में भरे 2,34,500 नगद, आठ करोड़ तीस लाख की कागज की गड्डी (इनमें कुछ नोटों की फोटो स्टेट किए कागज भी शामिल हैं), एक लैपटाप, एक नोट गिनने की मशीन, एक नोट के बंडल बनाने की मशीन बरामद की है।
दनकौर कोतवाली पुलिस ने गिरोह के तीन आरोपियों दिल्ली जेजे कालोनी के विशाल चौहान, अशोक विहार दिल्ली के मोबिन खान, आगरा के उपेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है। वहीं, लखनऊ निवासी गिरोह का सरगना परवेज कुमार उर्फ डीके अभी फरार है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से आठ लोहे के बक्सों में भरे 2,34,500 नगद, आठ करोड़ तीस लाख की कागज की गड्डी (इनमें कुछ नोटों की फोटो स्टेट किए कागज भी शामिल हैं), एक लैपटाप, एक नोट गिनने की मशीन, एक नोट के बंडल बनाने की मशीन बरामद की है।
ग्रेटर नोएडा जोन एडीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि रविवार रात दनकौर थाना प्रभारी संजय कुमार सिंह की टीम को सूचना मिली कि कुछ लोग बड़ी रकम लेकर क्षेत्र में घूम रहे हैं और लोगों से संपर्क कर रहे हैं। पुलिस ने सलारपुर अंडरपास के नजदीक दो लोगों को संदेह होने पर बुलाया तो वह पुलिस को देखकर भागने लगे। पुलिस ने पीछा कर दोनों आरोपियों को पकड़ लिया। आरोपियों की पहचान विशाल व मोबिन के रूप में हुई। आरोपियों की निशानदेही पर उपेन्द्र सिंह को भी गिरफ्तार किया गया। आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह अपने के गैंग के सरगना डीके के इशारे पर छोटी कंपनियों व एनजीओ को ठगी का शिकार बनाते हैं। आरोपी दस फीसदी असली नोटों का कमीशन लेकर कागज की गड्डी थमाकर फरार हो जाते हैं।
पुलिस ने बताया कि आरोपी गूगल पर एनजीओ व छोटी कंपनियों के नाम निकालते और फिर उन्हें कॉल करते हैं। आरोपियों ने बताया कि वे एक संगठन चलाते हैं। उनका संपर्क बड़ी कंपनी और अमीर लोगों से है, जो एनजीओ में चंदा व दान देकर लोगों की मदद करना चाहते हैं। आरोपी असली नोटों के बीच कागज व फोटो स्टेट वाली गड्डी लगाकर लोहे के बक्सों में मोटी रकम ले जाकर उन्हें दिखाते थे। आरोपी मोटी रकम एनजीओ व कंपनी को देने के नाम पर दस फीसदी कमीशन की मांग करते थे। इसके बाद आरोपी कमीशन लेकर और कागज की गड्डियां थमाकर फरार हो जाते थे।
पुलिस का कहना है कि इस मामले में किसी पीड़ित ने केस दर्ज नहीं कराया था। यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि आरोपी कब से गिरोह चला रहे थे और किन लोगों को ठगी का शिकार बना चुके थे। मुख्य आरोपी परवेज उर्फ डीके की गिरफ्तारी से पूरे मामले का खुलासा होगा। फिलहाल आरोपियों ने इतना बताया है कि वह किसी एनजीओ से संपर्क कर उसे ठगी का शिकार बनाने क्षेत्र में आए थे।
आरोपियों ने बताया कि अगेन कंपनी गो को मोटी रकम निवेश करने का उनसे 10% कमीशन लेने की बात करते थे। इसके लिए कागज की गड्डी में ऊपर नीचे असली नोट दिखाकर मोटी रकम उनके सामने रख देते थे। इसके बाद कमिशन का 10% लेकर फरार हो जाते थे। पीड़ितों को बाद में पता चलता था के आरोपी जो पैसा देकर गए हैं उनमें अंदर कागज के टुकड़े है।