एक्सक्लूसिव खबरेंदिल्ली

दिल्ली के मुख्य सचिव और विजिलेंस सचिव के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज

एक गैर सरकारी संगठन ‘द प्लीजेंट वैली फाउंडेशन’ ने दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार और विशेष सचिव (सेवाएं एवं सतर्कता) एवं दिल्ली जीएनसीटी के अधिकारी वाईवीवीजे राजशेखर के खिलाफ भारत के चुनाव आयोग से शिकायत की है और उन्हें तत्काल हटाने की मांग की है।

नई दिल्ली: एक गैर सरकारी संगठन ‘द प्लीजेंट वैली फाउंडेशन’ ने दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार और विशेष सचिव (सेवाएं एवं सतर्कता) एवं दिल्ली जीएनसीटी के अधिकारी वाईवीवीजे राजशेखर के खिलाफ भारत के चुनाव आयोग से शिकायत की है और उन्हें तत्काल हटाने की मांग की है।

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे पत्र में संगठन के संयुक्त सचिव बिपिन कुमार आर्य ने कहा है कि पूरे राष्ट्रीय मीडिया ने हाल ही में इस बात पर प्रकाश डाला है कि उत्तराखंड पुलिस ने दिल्ली के जीएनसीटी के दागी पदोन्नत अधिकारी वाईवीवीजे राजशेखर के खिलाफ माननीय न्यायालय के आदेश पर एफआईआर नंबर 2/2024 /s 392, 447, 120 बी, 504, 506 आईपीसी / डब्ल्यू धारा 3 (1) (एक्स) एससी / एसटी अधिनियम दर्ज किया है, जो वर्ष 2020 में डीएएनआईसीएस से आईएएस में शामिल हुए थे (वर्ष 2012 की नाममात्र वरिष्ठता के साथ)।

उन्होंने कहा कि हमारे एनजीओ द्वारा दर्ज की गई उक्त एफआईआर में वांछित होने के अलावा, उक्त अधिकारी सीबीआई, सीवीसी, लोकपाल जांच का भी सामना कर रहा है और आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के दौरान सतर्कता और सेवा संबंधी संवेदनशील पदों पर नियुक्त होने के लिए सतर्कता विभाग की तरफ से भी प्रथम दृष्टया वह क्लीयर नहीं है।  उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग निवारक सतर्कता तंत्र के महत्व पर बल देता रहा है तथा केन्द्रीय सतर्कता आयोग सभी केन्द्रीय मंत्रालयों और विभागों से संवेदनशील पदों पर अधिकारियों की अदला-बदली सुनिश्चित करने को कहता रहा है, ताकि ऐसे दागी अधिकारियों को तत्काल हटाया जा सके और स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी लोकसभा चुनाव सुनिश्चित हो सकें।

शिकायतकर्ता ने कहा कि ऐसे दागी अधिकारी का मामला यह दर्शाता है कि संवेदनशील पदों से दागी अधिकारियों को हटाने के संबंध में ईसीआई, सीवीसी, डीओपीटी आदि द्वारा जारी पूर्व दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि संवेदनशील पदों पर आसीन दागी अधिकारियों को बिना किसी अपवाद के तत्काल /तैनात किया जाए। वाईवीवीजे राजशेखर और उनके बॉस मुख्य सचिव नरेश कुमार, ये अधिकारी मुझे, हमारे गैर-लाभकारी एनजीओ के गवाहों और अन्य पदाधिकारियों को धमका रहे हैं और लगातार संगठित आपराधिक उत्पीड़न के साथ-साथ गंभीर मानसिक पीड़ा दे रहे हैं, जो भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत सम्मान के साथ जीने के मौलिक अधिकार का भी उल्लंघन है।

शिकायतकर्ता ने कहा कि उन्होंने पहले ही वाईवीवीजे राजशेखर और उनके बॉस मुख्य सचिव नरेश कुमार के खिलाफ शिकायत की थी कि वे हमारे दिल्ली में पंजीकृत एनजीओ और उसके पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और कर्मचारियों पर संगठित आपराधिक उत्पीड़न थोप रहे हैं, ताकि उनके विभिन्न घोटालों और बड़े भ्रष्टाचार को लगातार उजागर करने के कारण हमें परेशान करने के उद्देश्य से हमारे खिलाफ प्रतिशोध लिया जा सके।  यह भी कहा कि कथित तौर पर उक्त दागी अधिकारी वाईवीवीजे राजशेखर के खिलाफ उनके गृह राज्य आंध्र प्रदेश में दो अन्य एफआईआर दर्ज की गई हैं, लेकिन उन्होंने न तो ईसीआई, गृह मंत्रालय, डीओपीटी, सीवीसी या दिल्ली जीएनसीटी को उनके खिलाफ लंबित कई आपराधिक मामलों के बारे में सूचित किया है और इन तथ्यों को छिपा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि दोषी अधिकारी की चतुराईपूर्ण, शरारती और गैरकानूनी गतिविधियां एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति है और इस दोषी अधिकारी के खिलाफ बिना किसी देरी के कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए, क्योंकि ऐसी आपराधिक गतिविधियां आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि एफआईआर में आरोपी अधिकारी – दिल्ली सरकार में पदोन्नत राजशेखर और उनके बॉस मुख्य सचिव नरेश कुमार – उच्च पदस्थ प्रभावशाली नौकरशाह हैं, जिनके पास अच्छी मशीनरी और मोटी जेबें हैं, इसलिए माननीय आयोग से अनुरोध है कि मामले की स्वतंत्र, मुक्त और निष्पक्ष जांच के लिए तत्काल केंद्रीय जांच ब्यूरो को जांच सौंप दी जाए। उन्होंने कहा कि चूंकि आयोग सरकारी कर्मचारियों की आपराधिक गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखता है तथा नागरिकों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, इसलिए भारत निर्वाचन आयोग को दागी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

Related Articles

Back to top button