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देश में लगेगा ‘हलाल सर्टिफाइड’ उत्पादों की बिक्री पर बैन? गृह मंत्री अमित शाह ने कही ये बात

मीटिंग में सरकार इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि गैर-हलाल-प्रमाणित उत्पादों के इस्तेमाल को हतोत्साहित करने की एक साजिश है।

राष्ट्रीय न्यूज़ डेस्क । हैदराबाद । एजेन्सी ।  केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने आज हैदराबाद में कहा कि केंद्र सरकार ने “हलाल-प्रमाणित” उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का कोई निर्णय नहीं लिया है। मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा, ”केंद्र सरकार द्वारा हलाल पर प्रतिबंध लगाने का अभी कोई फैसला नहीं किया गया है।” शाह 30 नवंबर को होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार कर रहे हैं।

बता दें कि हाल ही में, उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने हलाल प्रमाणीकरण वाले खाद्य उत्पादों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया। यह प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू हो गया। हालांकि यह प्रतिबंध निर्यात के उत्पादों पर लागू नहीं होगा। हलाल पर बैन लगाने से पहले हुई मीटिंग में सरकार इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि गैर-हलाल-प्रमाणित उत्पादों के इस्तेमाल को हतोत्साहित करने की एक साजिश है। सरकार का आरोप है कि एक पक्ष के लिए “वित्तीय लाभ” पैदा करने, नफरत को बढ़ावा देने और देश को मूल रूप से कमजोर करने के लिए अनुचित और असफल प्रयास किए गए हैं।

यूपी में हलाल बैन के बाद कयास लगाए जाने लगे कि क्या केंद्र की सत्ताधारी भगवा पार्टी पूरे देश में भी हलाल बैन करेगी। अब इसको लेकर अमित शाह ने सफाई दी है। उन्होंने साफ कहा है कि भारत सरकार ने अभी तक ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है। इससे पहले प्रचार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार की कथित असफलताओं को लेकर उस पर निशाना साधते हुए शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने पिछले 10 साल में केवल भ्रष्टाचार किया और लोगों के लिए कोई ठोस काम नहीं किया।

संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने दावा किया कि तेलंगाना के लोग 30 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में बीआरएस सरकार को सत्ता से हटाने के लिए तैयार हैं। शाह ने कहा, ‘‘आज युवा, किसान, दलित और पिछड़े वर्ग के लोग पूरी तरह निराश हैं। तेलंगाना के लोगों का मानना है कि बीआरएस ने भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं किया।’’ उन्होंने दावा किया कि राजस्व अधिशेष वाला राज्य अब लाखों-करोड़ों रुपए के कर्ज में डूबा है।

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