ट्रंप के बयान पर मचा हड़कंप, मंत्री ने परमाणु विस्फोट की अटकलों पर दी सफाई

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में परमाणु परीक्षण की घोषणा की थी. उनके इसी ऐलान के बाद हलचल मच गई थी. अब रविवार को ऊर्जा मंत्री क्रिस राइट ने इसको लेकर कहा कि परमाणु हथियार की टेस्टिंग में फिलहाल किसी भी परमाणु विस्फोट को शामिल नहीं किया जाएगा.
फॉक्स न्यूज से बातचीत में राइट ने कहा, “मेरा मानना है कि जिन परीक्षणों की हम अभी बात कर रहे हैं, वो सिस्टम टेस्ट हैं. ये परमाणु विस्फोट नहीं हैं. इन्हें हम ‘नॉन-क्रिटिकल एक्सप्लोजन’ कहते हैं.” राइट के अनुसार, इन टेस्ट में परमाणु हथियार के बाकी सभी हिस्सों की जांच की जाती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वो सही तरीके से काम कर रहे हैं और जरूरत पड़ने पर परमाणु विस्फोट की प्रक्रिया को शुरू कर सकते हैं.
नए सिस्टम पर किए जाएंगे टेस्ट
राइट ने फॉक्स न्यूज के कार्यक्रम “द संडे ब्रीफिंग” में कहा कि ये टेस्ट नए सिस्टम पर किए जाएंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जो नए परमाणु हथियार विकसित किए जा रहे हैं, वो पहले वाले हथियारों से बेहतर हों.
राइट ने कहा कि अमेरिका ने 1960, 1970 और 1980 के दशकों में परमाणु परीक्षण विस्फोट किए थे और उन विस्फोटों से जानकारी और माप के आंकड़े एकत्र किए थे. हमारी विज्ञान और हमारी कम्प्यूटेशनल क्षमता के साथ, हम बेहद सटीक रूप से अनुकरण (Emulation) कर सकते हैं कि एक परमाणु विस्फोट में ठीक क्या होगा, राइट ने कहा.
परमाणु हथियारों की टेस्टिंग का ऐलान
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को साउथ कोरिया में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात से ठीक पहले कहा कि उन्होंने अमेरिकी सेना को 33 साल बाद परमाणु हथियारों के परीक्षण की प्रक्रिया तुरंत फिर से शुरू करने का आदेश दिया है. यह कदम परमाणु प्रतिद्वंद्वी देशों चीन और रूस को एक संदेश देने के रूप में देखा जा रहा है.
ट्रंप का कहना है कि रूस और चीन जैसे देश अपने परमाणु हथियारों का टेस्ट कर रहे हैं, इसलिए अमेरिका को भी बराबरी के आधार पर ऐसा करना चाहिए. हालांकि, 1990 के दशक के बाद अमेरिका, रूस और चीन में से किसी भी देश ने परमाणु हथियारों का टेस्ट नहीं किया है. आखिरी बार चीन ने 1996 में परीक्षण किया था.




