कुएं में मिली लाश समझकर किया अंतिम संस्कार, तीन दिन बाद घर लौटा युवक बोला– मैं तो जिंदा हूं, पुलिस भी हैरान

छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने हैरान कर दिया है. जिस बेटे को परिजन मृत मान चुके थे, उसका अंतिम संस्कार कर चुके थे, वही बेटा तीन दिन बाद जिंदा घर लौट आया. बेटे का नाम पुरुषोत्तम है. तीसरे दिन जब घरवाले श्मशान घाट में बेटे की अस्थियां उठा रहे थे, तभी वह अचानक उनके सामने आ गया.
घटना जिले के चंद्रपुर की है. पुरुषोत्तम तीन दिन से लापता था. परिवारवालों ने उसकी काफी तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. इसके बाद परिजन ने पुलिस को गुमशुदगी की रिपोर्ट दी. उसी दौरान, 1 नवंबर को गांववालों को कुएं में एक अज्ञात शव दिखा. ग्रामीणों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी. शव बुरी तरह सड़ चुका था और पहचान करना मुश्किल था.
पुलिस ने शव की पहचान के लिए पुरुषोत्तम के परिजनों को बुलाया. परिजनों ने शव पर मिले कपड़ों के आधार पर उसे पुरुषोत्तम बताया. इसके बाद पोस्टमार्टम कर शव परिवार को सौंप दिया गया. गांव में उस दिन गमगीन माहौल में शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.
जिंदा लौट आया बेटा
लेकिन कहानी ने अचानक मोड़ लिया, जब तीसरे दिन परिवारजन श्मशान घाट पर अस्थियां उठाने पहुंचे, तभी पुरुषोत्तम जिंदा गांव लौट आया. उसे देखकर सभी के होश उड़ गए. गांव में अफरा-तफरी मच गई. जिस युवक का अंतिम संस्कार कर चुके थे, वही सामने खड़ा था.
पुरुषोत्तम ने बताया कि वह इन तीन दिनों से अंबिकापुर में अपने रिश्तेदार के घर पर था और उसे नहीं पता था कि गांव में उसके नाम पर इतनी बड़ी घटना हो गई है. पुरुषोत्तम की मां मानकुंवर ने कहा, हमें नहीं पता था कि जो लाश मिली थी वह मेरे बेटे की नहीं है. जब मेरा बेटा जिंदा लौट आया तो मुझे लगा जैसे भगवान ने उसे दोबारा लौटा दिया.
जिस शव का अंतिम संस्कार हुआ, वह कौन है?
अब पुलिस उलझन में है कि जिस शव का अंतिम संस्कार हुआ, वह आखिर किसका था. चंद्रपुर थाना प्रभारी विमलेश दुबे ने बताया, पुरुषोत्तम के परिजनों ने कपड़ों के आधार पर शव की पहचान की थी. अब जबकि वह जीवित लौट आया है, हम यह पता लगाने में जुटे हैं कि कुएं में मिला शव किसका था.




