पूर्व प्रधान सत्यजीत पिलानिया का संघर्ष लाया रंग भिवानी कोर्ट में अधिवक्ताओं और आम लोगों के लिए होंगे अलग-अलग होंगे प्रवेश द्वार
कोर्ट परिसर में व्यवस्थित और सुरक्षित वातावरण बनाएंगे अलग-अलग प्रवेश द्वार : सत्यजीत पिलानिया

भिवानी, (ब्यूरो): भिवानी जिला कोर्ट परिसर में अब अधिवक्ताओं और आम लोगों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार होंगे। यह व्यवस्था जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सत्यजीत पिलानिया के पिछले चार साल के अथक प्रयासों का परिणाम है। उनकी यह मांग अधिवक्ताओं और न्याय चाहने वाले नागरिकों, दोनों के लिए सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करेगी। बता दे कि यह बदलाव 8 सितंबर 2022 को शुरू हुआ, जब सत्यजीत पिलानिया ने तत्कालीन सेशन जज को एक पत्र सौंपकर इस मांग को उठाया था। उन्होंने अधिवक्ताओं और आम लोगों के लिए अलग-अलग दरवाजों की आवश्यकता पर जोर दिया था, ताकि कोर्ट परिसर में भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके। उनकी इस पहल को तब गति मिली जब 28 फरवरी 2023 को हाईकोर्ट से भिवानी पहुंचे इंस्पेक्टिंग जस्टिस ललित बत्रा ने हरियाणा की बिल्डिंग कमेटी को इस प्रस्ताव पर आगे की कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके बाद सीनियर आर्किटेक्ट देवेंद्र सिंह ने कोर्ट परिसर का मुआयना किया और दो अलग-अलग गेट बनाने की मंजूरी दी। इस प्रस्ताव को हरियाणा के चीफ आर्किटेक्ट ने भी अपनी स्वीकृति दे दी है। इस व्यवस्था से होने वाले लाभों के बारे में बताते हुए जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सत्यजीत पिलानिया ने बताया कि अधिवक्ताओं के लिए एक अलग प्रवेश द्वार होने से यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी अवांछित व्यक्ति हथियार या अन्य आपत्तिजनक सामग्री लेकर परिसर में प्रवेश न करे। इस तरह, कोर्ट के अंदर सुरक्षा और भी सख्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सभी लोग एक ही गेट से प्रवेश करते हैं, जिससे परिसर में भीड़ और अराजकता का माहौल बन जाता है। अलग-अलग गेट होने से यह भीड़ कम होगी और लोगों को अंदर जाने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं को अक्सर दस्तावेजों के साथ जल्दी से कोर्ट में प्रवेश करना होता है। अलग गेट होने से उनकी एंट्री तेज और सुविधाजनक हो जाएगी तथा आम लोगों के लिए एक अलग गेट होने से वे भी आसानी से कोर्ट तक पहुंच सकेंगे। पिलानिया ने कहा कि यह ना सिर्फ अधिवक्ताओं के लिए बल्कि न्याय मांगने आने वाले हर व्यक्ति के लिए एक बड़ी राहत है। यह कदम कोर्ट परिसर में एक अधिक व्यवस्थित और सुरक्षित वातावरण बनाएगा।