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जिस बेटे की खातिर लोन लिया, उसी ने दिया धोखा और निकाला घर से बाहर… सड़क पर दिन बिताने को मजबूर बूढ़े माता पिता

कर्नाटक के विजयपुरा से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. विजयपुरा में एक बुजुर्ग दम्पति सड़क पर रहने को मजबूर हो गया है. शहर के अलकुंते नगर के दंपति वीरभद्र और बागम्मा हडपाड़ा ने अपनी बच्चों के लिए माइक्रो फाइनेंस से 5 लाख रुपये का लोन लिया था, लेकिन अब उन्हीं बच्चों ने अपने माता-पिता को सड़कों पर छोड़ दिया है, जिसकी वजह से दंपत्ति को सड़क पर रहना पड़ रहा है.

दंपति के बेटे बसवराज ने अपने घर पर हेयर कटिंग सैलून खोलने के लिए शहर के 5 लाख रुपये का लोन अपने पिता के नाम पर लिया था. हालांकि कुछ दिनों बाद ही वह लोन की किस्त चुकाए बिना ही अपने माता-पिता को छोड़कर चला गया. ऐसे में बुजुर्ग दंपति अपने पास मौजूद 3 लाख रुपये से हर महीने 14,000 रुपये देकर लोन की किस्त चुका रहे थे. हालांकि जालसाजों ने उनके साथ धोखा किया और पिछले एक साल से किस्त ही नहीं जमा की.

दंपत्ति के मकान पर कर लिया कब्जा

किस्त नहीं जमा होने की वजह से फाइनेंसरों ने अदालती कार्रवाई के जरिए बुजुर्ग दंपत्ति के मकान पर कब्जा कर लिया है और उन्हें घर से निकाल दिया. बुजुर्ग दंपति अपने पड़ोसियों से दिए गए खाना खाकर सड़कों पर अपना दिन बिता रहे हैं. दंपत्ति पिछले तीन दिनों से अपने घर के सामने सड़क पर रह रहे हैं. दोनों बच्चे अपने माता-पिता से मिलने भी नहीं आए हैं. बुजुर्ग दम्पति इस बात से बहुत दुखी हैं कि उनके घर पर घेराबंदी की गई है और उनके बच्चे मदद के लिए नहीं आ रहे हैं. दंपत्ति को आसपास के लोग उन्हें नाश्ता और भोजन उपलब्ध कराकर मदद कर रहे हैं.

बुजुर्ग दंपत्ति को निकाल दिया बाहर

12 मार्च को पुलिस सुरक्षा में वकीलों के साथ पहुंचे स्मॉल फाइनेंस बैंक के लोगों ने बुजुर्ग दंपत्ति को बाहर निकाल दिया और दरवाजा बंद कर घर की घेराबंदी कर दी. मकान पर कब्जा करने वाले लोगों ने लघु वित्त बैंक के कर्मचारी के घर की दीवार पर एक नोटिस चिपका दिया है.

चिपका दिया नोटिस

जेएसएफबी ने आदेश संख्या सी/आर संख्या 102/24 के तहत इस बंधक संपत्ति का भौतिक कब्जा प्राप्त कर लिया है और इस संपत्ति का स्वामित्व उसके पास है. अतिक्रमण करने वालों और इस संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्तियों पर मुकदमा चलाया जाएगा. उन्होंने एक नोटिस चिपका दिया है जिसमें कहा गया है कि इसे हटाना गैरकानूनी है.

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