Air Force के सबसे उम्रदराज पायलट Dalip Singh Majithia का निधन, 97 साल की आयु में रिकॉर्ड बनाकर दुनिया में बजाया था डंका
ब्रिटिश रूल के दौरान सरदार दिलीप सिंह वर्ष 1940 में जब वायुसेना में शामिल हुए तो उन दिनों दूसरा विश्वयुद्ध चल रहा था। गोल्फ के शौकीन मजीठिया ने 97 साल की आयु में राजभवन नैनीताल के गोल्फ मैदान पर पहली शार्ट में गेंद को 115 मीटर होल में पहुंचा कर रिकॉर्ड कायम किया था। संभवतः वह ऐसा कारनामा करने वाले दुनियां के सबसे उम्रदराज गोल्फर हैं।
किशोर जोशी, नैनीताल : देश के सबसे उम्रदराज फाइटर मैन स्क्वाड्रन लीडर (सेवानिवृत्त) दिलीप सिंह मजीठिया जीवन के अंतिम सांस तक हौसले और जज्बे से भरे रहे।
27 जुलाई को उन्होंने 103वां जन्मदिन मनाया था। गोल्फ के शौकीन मजीठिया ने 97 साल की आयु में राजभवन नैनीताल के गोल्फ मैदान पर पहली शार्ट में गेंद को 115 मीटर होल में पहुंचा कर रिकॉर्ड कायम किया था। संभवतः वह ऐसा कारनामा करने वाले दुनियां के सबसे उम्रदराज गोल्फर हैं।
सच्चे देशभक्त और जीवन के विविध आयामों से परिपूर्ण डीएस मजीठिया देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए जीवन
बर्मा के मोर्चे पर मिली थी तैनाती
ब्रिटिश रूल के दौरान सरदार दिलीप सिंह वर्ष 1940 में जब वायुसेना में शामिल हुए तो उन दिनों दूसरा विश्वयुद्ध चल रहा था। ब्रिटिश गवर्नमेंट ने उन्हें बर्मा अब म्यामांर के मोर्चे पर भेजा। इस दौरान बर्मा में फाइटर प्लेन हॉकर हरीकेन के साथ वहां डटे रहे।और अपने साहस के चलते सच्चे हीरो कहलाए।
पहली अगस्त 1940 को उन्हें कमीशन मिला था। हालांकि सेना के साथ उनका साथ लंबा नहीं रहा। पारिवारिक दायित्वों के चलते उन्हें जल्द ही स्वैच्छिक अवकाश लेना पड़ा। जिसके बाद उन्हें कई मेडल मिल चुका है।
चाटर्ड प्लेन खरीदकर बनाया निजी एयरपोर्ट
रिटायर्ड होने के बाद भी सरदार दिलीप सिंह का हवाई जहाज उड़ाने का शौक बना रहा। अपने शौक का पूरा करने के लिए उन्होंने न केवल एक चाटर्ड प्लेन खरीदा बल्कि चीनी मिल परिसर में ही अपना निजी एयरपोर्ट भी बनाया।
नेपाल की धरती पर पहली बार हवाई जहाज उतारने का श्रेय दिलीप सिंह मजीठिया को ही है। उन्होंने 23 अप्रैल 1949 को काठमांडू के परेड ग्राउंड में यह ऐतिहासिक कार्य किया था। आज भी काठमांडू के त्रिभुवन हवाई अड्डे पर लगी उनकी तस्वीर इस बात की पुष्टि करती है।
नैनीताल में कोठी में आग से हुए थे आहत
सरोवर नगरी के मौन पार्क में उनकी आलीशान कोठी थी। जिसमें कुछ साल पहले आग लगी तो मजीठिया बेहद आहत हुए थे। कर्नल साह के अनुसार मजीठिया की पत्नी जे मजीठिया का करीब तीन साल पहले निधन हो गया था। उनकी दो बेटियां बड़ी किरण व छोटी मीरा हैं।
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने भी जून 2022 में उनको राजभवन बुलाकर उनको सम्मानित किया था। राज्यपाल खुद उनका हालचाल लेते थे। 2016 के बाद उन्होंने गोल्फ प्रतियोगिता में हिस्सा लेना बंद कर दिया था। राज्यपाल को उन्होंने नैनी झील में यॉट प्रतियोगिता आयोजित करने का सुझाव दिया था।
भले ही कोई टूर्नामेंट नहीं जीते लेकिन गोल्फ के प्रति उनकी दीवानगी गजब की थी। भारतीय वायुसेना के अध्यक्ष ने सौ साल पूरे होने पर मजीठिया के जन्मदिन पर केक भेज उनके योगदान को सेल्यूट किया था।