हरियाणा

सत्संग नाम सत्य के संग का है: संत कंवर हुजूर

रक्तदान शिविर में 100 यूनिट रक्त किया एकत्रित

भिवानी (ब्यूरो): सन्त इस दु:खसागर संसार से जीवो को निकालने के लिए आते हैं।जब सतपुरुष से रूहों ने अर्ज की कि हमे इस दु:खसागर से निकालो तब उन्होंने सन्तो को इस जगत में भेजा।इसी सत्कार्य के लिए गुरु नानक देव ने भी इस जगत में देह रूप धारण किया था।सन्त सभी एक घर से ही आते है।उन्होंने सांसारिक नाम चाहे कुछ भी रखा हो लेकिन उनका लक्ष्य एक ही था मानव का कल्याण।यह सत्संग वचन परमसंत सतगुरु कँवर साहेब महाराज ने साध संगत को फरमाये।हुजूर महाराज गुरु नानक जयंती पर राधास्वामी आश्रम में लाखो की संख्या में उमड़ी संगत को सत्संग फऱमा रहे थे।हुजूर कँवर साहेब ने कहा जिस पल संतो को याद किया जाये जब भी उनका सानिध्य मिले उनका स्मरण हो वो पल बड़ा भाग्यशाली होता है क्यूंकि संत इस धरा पर मनुष्य देह में जरूर आते है लेकिन है वो प्रमात्मा का रूप ही।हुजूर महाराज ने कहा कि ये रूह जब से मालिक से बिछुड़ कर क्रमकाण्ड में आई है वो अपना स्वरूप भूल गई है और वो कर्मों के दंड में फँस गई है।रूह के साथ लालसा तृष्णा इच्छा लगा दी गई इनके फेर में फँस कर रूह इस मिथ्या जगत को भी सच्चा मान लेती है।रूह की आँख तब खिलती है जब वह संतो के सत्संग में आती है सत्संग नाम सत्य के संग का है। उन्होंने कहा कि इस शुभ अवसर पर आप भी यह संकल्प लेकर जाओ कि आप भी कुल मालिक अवतार नानक साहब की तरह सच्चा सौदा करोगे।सत्संग से पूर्व गुरु महाराज जी ने रक्तदान शिविर का भी शुभारम्भ किया।रक्तदान शिविर में 100 यूनिट रक्त का दान किया गया।

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