दिल्ली

रोजगार की तलाश में गया जुम्मन, मिला शव के रूप में—दिल दहला देने वाली कहानी

दिल्ली में ब्लास्ट के बाद एलएनजेपी अस्पताल के बाहर का मंजर दिल को झकझोर देने वाला है. अपनों को खोने वालों की चीत्कार कलेजा चीर देने वाली है. इस बीच आठवीं डेडबॉडी की पहचान हो गई है. ये डेडबॉडी जुम्मन की है, जो लाल किले पर ई रिक्शा चलाता था. ये परिवार शास्त्री पार्क में रहता है. डेडबॉडी क्षत विक्षत थी, इसलिए जुम्मन की पत्नी उसे पहचान नहीं पा रही थीं, फिर नीले रंग की जैकेट से बॉडी को पहचाना गया. परिवार ने बताया, बॉडी में निचला हिस्सा और सिर नहीं है.

32 साल के जुम्मन के चाचा इदरीस का कहना है, मेरा भतीजा रिक्शा चलाता था. फोटो दिखाते हुए इदरीस ने बताया कि शाम पांच बजे लाल किले के लिए घर से निकला था. वहीं पर रिक्शा चलाता है. मोबाइल की लोकेशन रात 9.30 बजे तक लाला किला गेट नंबर एक थी, लेकिन उसके बाद से कुछ पता नहीं. पुलिस ने कहा, मॉर्चरी में देखो जाकर.

और क्या बोले जुम्मन के चाचा इदरीस

उन्होंने बताया, जुम्मन अकेला कमाने वाला था. अभी तक उसके ई रिक्शे की किश्त भी पूरी नहीं हुईं थीं. जुम्मन के परिवार में उसकी विकलांग पत्नी और दस साल का बेटा है. जुम्मन के मोबाइल की अंतिम लोकेशन लाल किला गेट नंबर-1 पर मिली थी. इसके बाद से परिवार सुबह से मॉर्चरी में ढूंढ रहा था.

सपा नेता अबू आजमी का बड़ा बयान

समाजवादी पार्टी नेता अबू आजमी का दिल्ली धमाके पर बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा कि बेगुनाहों को पकड़कर सजा न दे असली गुनहगारों को छह महीने में फांसी पर लटकाए सरकार. उन्होंने कहा, दिल्ली कोई कस्बा नहीं देश की राजधानी है. लाल किले के सामने धमाका होना ये इंटेलिजेंस फेल्योर है, सुरक्षा में बहुत बड़ी चूक हुई है.

उन्होंने कहा, जिनकी जाने गईं उनके परिवार के प्रति सहानुभति है. जिन लोगों ने ब्लास्ट किया उनकी जांच कर उन्हें छह महीनों के अंदर फांसी पर चढ़ाना चाहिए.जिस तरह से मुंबई ट्रेन ब्लास्ट में 187 लोग मारे गए लेकिन आज तक किसी को सजा नहीं मिली. बेगुनाहों को पकड़कर जेल में डाला, 19 सालों तक जेल में रखा लेकिन हाई कोर्ट ने कहा कि इनका कोई लेना-देना नहीं है. इनको जबरदस्ती जेल में रखा गया. ऐसा देश में नहीं होना चाहिए. अपनी नाकामी को छुपाकर किसी निर्दोष को सजा देना, ये बहुत बड़ी नाइंसाफी है और नाकामयाबी है.

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