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चंडीगढ़ में घर लेने का सपना होगा साकार! 800 प्लॉट की ई-नीलामी, रेजिडेंशियल, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल की बिक्री दिसंबर से शुरू

पंचकूला : चंडीगढ़ एस्टेट ऑफिस दिसंबर 2025 से हर महीने प्रॉपर्टी की रेगुलर ऑक्शन करने की तैयारी में है. इस ऑक्शन में रेजिडेंशियल, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी को मिलाकर करीब 800 प्लॉट हैं. इस सभी प्रकार की प्रॉपर्टी की ऑक्शन के लिए एस्टेट ऑफिस महीनावार ऑनलाइन बिडिंग करने की तैयारी में है. इसके अनुसार प्रति माह तय प्रॉपर्टी बेची जाएगी. ऑक्शन में जो प्लॉट/प्रॉपर्टी नहीं बिकेगी. उसे अगली ऑक्शन में दोबारा शामिल किया जाएगा.

हर महीने प्रॉपर्टी की रेगुलर ऑक्शन: एस्टेट ऑफिस की ये योजना शहर के प्रॉपर्टी एक्सपर्ट्स के अनुसार निम्न और मध्यम वर्गीय परिवारों की पहुंच से दूर होगी. उनके अनुसार चंडीगढ़ के निर्धारित कलेक्टर रेट और प्रॉपर्टी के संभावित रिजर्व रेट पर लगने वाली बोली शहर की मौजूदा प्रॉपर्टी के रेट से कहीं अधिक महंगी रहने वाली है. यहां तक कि एक्सपर्ट्स ने कहा है कि एस्टेट ऑफिस की यह योजना को भी पूर्व की कई अन्य हाउसिंग योजनाओं की तरफ फेल साबित हो सकती है.

कार्यप्रणाली ठीक करने की जरूरत: चंडीगढ़ की प्रॉपर्टी को दो दशक से अधिक समय से नजदीक से देखने वाले प्रॉपर्टी कारोबारी एवं चंडीगढ़ सेक्टर 22 शास्त्री मार्केट के प्रधान मुकेश गोयल ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन को अपनी नीतियों और कार्यप्रणाली में काफी सुधार करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बीते एक दशक से अधिक समय पर गौर करें तो ऐसा जान पड़ता है कि प्रशासन स्वयं नहीं चाहता कि आम आदमी (मध्यम वर्गीय परिवार) शहर में बसें. बढ़ती महंगाई और तरह तरह के टैक्स के बोझ के चलते आम परिवारों का चंडीगढ़ में घर खरीदना काफी मुश्किल है.

पंचकूला-मोहाली जाकर बस रहे परिवार: मुकेश गोयल ने बताया कि यदि किसी परिवार के एक-दो सदस्य नौकरी कर भी रहे हैं तो उनके लिए भी चंडीगढ़ में घर खरीदना मुश्किल है. यही कारण है कि लोग चंडीगढ़ छोड़कर ट्राइसिटी के अन्य शहर पंचकूला और मोहाली के अलग अलग क्षेत्रों में जाकर बस रहे हैं. उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ एस्टेट ऑफिस और चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड की मौजूदा कार्यप्रणाली को देखकर ऐसा जान पड़ता है कि दोनों इकाइयां स्वयं यह चाहती हूं कि आम मध्यम वर्गीय परिवार शहर छोड़कर चले जाएं.

ऑक्शन से पहले कैलेंडर किया जाएगा जारी: इस्टेट ऑफिस जिस ऑक्शन की तैयारी में है, उसमें रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड तो कमर्शियल और इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी को लीज होल्ड बेस पर बेचा जाएगा. डीसी-कम-इस्टेट ऑफिसर निशांत कुमार यादव ने कहा कि ऑक्शन से पहले एक कैलेंडर तैयार करवाया जा रहा है, जिसमें दिसंबर से महीनावार ऑक्शन संबंधी जानकारी अंकित होगी.

सीएचबी भी हाउसिंग प्लान तैयार करे: चीफ सेक्रेटरी एच. राजेश प्रसाद ने सीएचबी के अधिकारियों से उपलब्ध जमीन पर नए हाउसिंग प्लान तैयार करने को कहा है. हाउसिंग बोर्ड के पास विभिन्न जगहों पर करीब 200 एकड़ जमीन उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि जिन पुरानी हाउसिंग स्कीमों को लेकर मुकदमे चल रहे हैं, उन्हें छोड़कर शेष जमीन का हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. गौरतलब है कि चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड बीते नौ वर्ष से कोई जनरल हाउसिंग योजना प्रोजेक्ट नहीं ला सका है.

जनरल हाउसिंग की योजना में सीएचबी की जमीन:

  • आईटी पार्क में 125 एकड़ जमीन
  • सेक्टर-54 में 32 एकड़ जमीन
  • सेक्टर-53 में 20 एकड़ जमीन

शेयर वाइज प्रॉपर्टी सेल पर रोक समझ से बाहर: मुकेश गोयल ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन पहले ही शहर में शेयर वाइज (प्रति फ्लोर खरीद-बिक्री) पर रोक लगा चुका है. उन्होंने कहा कि इसका कारण समझ से परे है कि प्रशासन को ऐसा क्यों करना पड़ा. उन्होंने कहा कि “चंडीगढ़ सेक्टर 1 से सेक्टर 30 को हेरिटेज घोषित किया गया है. लेकिन सर्वोच्च न्यायालय की जजमेंट में ऐसा कहीं अंकित नहीं है कि फ्लोर वाइज प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त नहीं की जा सकती और रजिस्ट्री बंद करने का कोई जिक्र नहीं है.” मुकेश गोयल ने कहा कि “प्रशासनिक अधिकारियों को मौजूदा नीतियों में सुधार करना होगा, ताकि आम जनसाधारण और मध्यम वर्गीय परिवार शहर में बस सकें. ऐसा नहीं किया गया तो यूटी प्रशासन के रेवेन्यू को नुकसान तो होगा ही, आम लोगों को भी शहर छोड़ना पड़ेगा.”

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