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जानिए उस डिप्लोमैट के बारे में, जिसके एक बयान ने बदल दिया ईरान-इजराइल की जंग का रुख, कठघरे में नेतन्याहू

ईरान और इजराइल के बीच बीते आठ दिनों से जंग जारी है. इजराइल की दलील साफ रही कि ईरान परमाणु बम बनाने के बेहद करीब पहुंच गया है, और उसी खतरे को रोकने के लिए उसने हमला किया. इस दावे की बुनियाद बनी इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) की पुरानी रिपोर्टें, जिन्होंने ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर चिंता जताई थी. मगर अब वही संस्था और उसके मुखिया राफाएल ग्रोसी, जिनकी रिपोर्टों को इज़राइल ने हमले का आधार बनाया, अब उस दावे से पीछे हटते दिख रहे हैं.

CNN को दिए इंटरव्यू में ग्रोसी ने साफ कहा कि IAEA को ईरान के खिलाफ ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे लगे कि वो परमाणु हथियार बना रहा है. यानी जिस खतरे की दुहाई देकर नेतन्याहू ने युद्ध छेड़ा, वही अब कागज़ों पर मौजूद नहीं है. और यही बयान पूरी जंग की दिशा पलट देने वाला साबित हुआ है. आइए इसी बहाने जानते हैं ग्रोसी के बारे में कुछ और बेहद जरूरी बातें.

कौन हैं राफाएल ग्रोसी?

राफाएल मारियानो ग्रोसी एक दिग्गज डिप्लोमैट हैं. दिसंबर 2019 से IAEA के प्रमुख हैं. परमाणु अप्रसार, निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में उन्हें चार दशक का अनुभव है. वो पहले अर्जेंटीना के ऑस्ट्रिया में राजदूत रह चुके हैं और NSG (न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप) और OPCW जैसे संगठनों में भी शीर्ष पदों पर रह चुके हैं.

IAEA के मुखिया बनने से पहले का सफर

ग्रोसी ने 2013 में वियना में IAEA और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में अर्जेंटीना का प्रतिनिधित्व किया. 2010 से 2013 तक IAEA में पॉलिसी के लिए असिस्टेंट डायरेक्टर जनरल और चीफ़ ऑफ कैबिनेट रहे. इससे पहले वे ऑर्गनाइज़ेशन फॉर द प्रोहिबिशन ऑफ केमिकल वेपन्स (OPCW) में भी टॉप पोजिशन पर रहे. उन्होंने बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग और NATO में भी अर्जेंटीना का प्रतिनिधित्व किया है.

डिग्रियां और सम्मान

ग्रोसी ने इंटरनेशनल रिलेशंस में पीएचडी किया है और कई अंतरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटीज़ से उन्हें डॉक्टरेट और अन्य सम्मान मिल चुके हैं. उन्हें अर्जेंटीना, इटली, ब्राज़ील, ऑस्ट्रिया, कज़ाखस्तान और पराग्वे जैसे देशों से प्रतिष्ठित अवॉर्ड्स मिल चुके हैं. 2023 में उन्हें रोम ने ‘ऑनरेरी सिटिजन’ भी घोषित किया.

ईरान भी ग्रोसी के बयान से भड़का

ईरान का आरोप है कि IAEA की पुरानी रिपोर्ट्स ने जानबूझकर डर फैलाया और इज़राइल को हमले का नैरेटिव दिया. अब जब ग्रोसी सच बोल रहे हैं, तो वो भी बहुत देर से. ईरान के पूर्व विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ ने ग्रोसी को बेकसूरों की मौत का परोक्ष दोषी बताया है. उन्होंने कहा कि IAEA की गलत और गैर-जिम्मेदार रिपोर्टिंग की वजह से ईरान के कई बेकसूर लोग मारे गए. उन्होंने इसे एजेंसी की साख को लगी अपूरणीय क्षति करार दिया और ग्रोसी को जवाबदेह ठहराया.

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