बिना डांट-फटकार के बच्चा सीखेगा डिसिप्लिन, बस इस तरह करें ट्रीट

पेरेंटिंग एक ऐसी स्टेज होती है जहां आपको समझदारी के साथ बच्चों को पालना होता है. बच्चों की अच्छी परवरिश कैसे करनी हैं, ये एक बड़ा चैलेंज होता है. ऐसे में अक्सर माता-पिता उलझन में रहते हैं कि बच्चों को अनुशासन कैसे सिखाएं जाए . क्योंकि कई बार जब बच्चा जिद्द करता है, गुस्सा करता है या आपकी बात नहीं मानता है तो ज्यादातर पेरेंट्स उन्हें डांटते या सजा दे देते हैं.
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बार-बार डांटने से बच्चे पर क्या असर होता है? रिसर्च और चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट बताते हैं कि लगातार डांट-फटकार से बच्चे का आत्मविश्वास कमजोर हो सकता है और वो डरे हुए या और ज्यादा जिद्दी हो सकता है. इसलिए बच्चों को डिसिप्लिन सीखाने के लिए बच्चों को डांटना या सजा देने के बजाय कुछ स्मार्ट और पॉजिटिव ट्रिक्स अपना सकते हैं. आइए जानें ऐसे असरदार तरीके जिनसे बिना डांटे भी बच्चा अनुशासन में रहना सीख सकता है.
बच्चे की बात पूरी सुनें और उसे समझें
अक्सर कुछ पेरेंट्स अपने आगे बच्चों की बात को सुनते नहीं है, जिससे वो चिड़चिड़ा हो जाता है और जिद्दी बनने लगता है. लेकिन अगर आप बच्चों की बात को सुनेंगे और उन्हें तुरंत डांटने के बजाय समझाने की कोशिश करेंगे तो बच्चा खुद को सेफ फील करेगा.
प्यार से तय करें लिमिट
अक्सर कुछ पेरेंट्स बच्चों को बाहर की दुनिया से सुरक्षित रखने के लिए उन्हें कहीं बाहर नहीं जाने देते है. लोगों से मिलने नहीं देते है और कुछ गलत करने पर उन्हें डांटते हैं. ऐसे में बच्चा झूठ बोलना शुरू कर देता है. इसलिए ऐसा करने के बजाय आप बच्चों को समझाएं कि क्या सही है और क्या गलत वो भी प्यार से. इससे बच्चा आपसे झूठ नहीं बोलेगा.
जो खुद करेंगे, वही बच्चा सीखेगा
बच्चों को डिसिप्लिन सीखाने का सबसे बेहतरीन तरीका है आप खुद को अनुशासित बनाएं. क्योंकि बच्चा आपसे ही सीखेगा. इसलिए अगर आप खुद नियमित रहेंगे, जैसे टाइम पर सोना, टाइम पर खाना, शांत रहकर बोलना तो बच्चा भी खुद को वैसा ही बनाने का सोचेगा. इसलिए बच्चे को अनुशासन सिखाने से पहले खुद अनुशासित बनें.
गुस्से के बदले रिवार्ड सिस्टम अपनाएं
बच्चों को सराहना की जरूरत होती है. जब आप उसे डिसिप्लिन सीखा रहे हों तो कुछ अच्छा काम करने पर उसे रिवॉर्ड दे या शाबाशी दें. जैसे आज तुमने अपना होमवर्क टाइम पर किया, चलों में अब तुम्हारे लिए कुछ अच्छा सा खाने के लिए बनाती हूं. ये उसकी पॉजिटिव आदतों को बढ़ावा देगा और उसे मोटिवेट करेगा.