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वैभव सूर्यवंशी की नकल मत करो… IPL 2025 में बेटे से हुई ये चूक, पिता ने दे डाली बड़ी नसीहत

वैभव सूर्यवंशी के खेलने का अपना अंदाज है. वो हर गेंद को मारने वाले खिलाड़ी हैं. वही उनका नेचुरल खेल है. अपने उसी मिजाज के साथ वैभव सूर्यवंशी आईपीएल 2025 में सिर्फ 35 गेंदों पर ही शतक भी लगा चुके हैं. उस इनिंग के बाद एक ओर जहां उनकी काबिलियत की चर्चा हर जुबां पर है, वहीं दूसरी ओर IPL 2025 में खेल रहे एक खिलाड़ी को अपने पिता से नसीहत मिली है कि उसे वैभव सूर्यवंशी जैसा नहीं बनना. उसे वैभव सूर्यवंशी की नकल नहीं करनी. पिता से ऐसी नसीहत पाने वाले खिलाड़ी बेटे का नाम आयुष म्हात्रे है.

वैभव सूर्यवंशी और आयुष म्हात्रे अंडर-19 के यार

देखा जाए तो आयुष म्हात्रे अंडर 19 क्रिकेट में वैभव सूर्यवंशी के ओपनिंग पार्टनर हैं. अंडर 19 एशिया कप के दौरान दोनों की ओपनिंग जोड़ी खूब चर्चा में रही थी. IPL 2025 में भले ही ये दोनों यार दो अलग टीमों से खेल रहे हैं, मगर इनका खेल इनकी कहानी कह रहा है. अब सवाल है कि आयुष म्हात्रे से उनके पिता योगेश म्हात्रे ने ये क्यों कहा कि वैभव सूर्यवंशी की नकल नहीं करनी और ना ही उनके जैसा शतक लगाने की कोशिश करनी है? इसके पीछे की वजह है आयुष से 3 मई को खेले मुकाबले में हुई चूक.

3 मई को आयुष म्हात्रे से हुई ये चूक

IPL 2025 में आयुष म्हात्रे, चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा हैं, जिसका मुकाबला 3 मई को RCB से था. उस मुकाबले में आयुष म्हात्रे ने RCB से मिले 214 न के लक्ष्य का पीछा करते हुए 48 गेंदों में 5 छक्के और 9 चौके के साथ 94 रन बनाए थे. मतलब सिर्फ 6 रन से वो अपना पहला आईपीएल शतक लगाने से चूके थे. आयुष से वो चूक RCB के गेंदबाज क्रुणाल पंड्या की गेंद पर थोड़ी आक्रमकता दिखाने के चलते हुई थी, जो कि वैभव सूर्यवंशी की ताकत है.

पिता से मिली आयुष को नसीहत

पिता योगेश म्हात्रे ने अपने 17 साल के बेटे की उसी गलती को पॉइंट आउट कर उसे नसीहत दी. उन्होंने कहा -वैभव सूर्यवंशी की नकल करने या उसके जैसा शतक लगाने की कोशिश मत करो. तुम्हें वैसा करने की जरूरत नहीं. तुम्हें लंबा खेलना है. अगर कोई तुम्हारी तुलना भी वैभव से करता है तो तु्महें उसे अपने दिमाग में नहीं रखना चाहिए.

आयुष म्हात्रे ने ठाना है!

आयुष म्हात्रे को क्रिकेटर बनाने में उनके पिता का बड़ा बलिदान रहा है. उन्होंने अपने बेटे के सपने के लिए खुद की बैंक की नौकरी तक छोड़ दी थी. ऐसे में पिता से मिली नसीहत को आयुष अमल में लाने की पूरी कोशिश करते हैं. खुद उनकी सोच भी किसी चैंपियन खिलाड़ी से कम नहीं है, जिसका पता उनके इस बयान से खूब चलता है.

आयुष के मुताबिक, शतक उनके लिए मायने नहीं रखता, अगर वो टीम को जिताने के काम ना आए. उन्होंने कहा कि अगले मैच में वो पूरा 20 ओवर खेलने और टीम को जिताने की कोशिश करेंगे.

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