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दुनिया के वो 5 देश, जिसके मुखिया को सता रहा अपने कत्ल का डर

सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल शरा के देश से भाग जाने की खबर है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि वह दमिश्क छोड़ चुके हैं. माना जा रहा है कि अल शरा ने ये फैसला इजराइल के सीरिया पर हो रहे ताबड़तोड़ हमलों की वजह से लिया है. हालांकि अल शरा अपने देश के अकेले मुखिया नहीं हैं, जिन्हें अपनी जान का खतरा सता रहा है. ताइवान, ईरान, यमन और आर्मेनिया भी इस सूची में शामिल हैं. इन देशों के प्रमुखों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और फिलहाल ज्वादा बाहर निकलने पर भी पाबंदी है.

ईरान के बाद इजराइल अब सीरिया पर ताबड़तोड़ हमले कर रहा है, इसका कारण स्वेदा शहर में ड्रूज और बेदौइन समुदाय के बीच हो रही हिंसक झड़पें हैं. इस बीच सीरिया के अखबार अल मायादीन ने दावा किया है कि अल शरा ने दमिश्क छोड़ दिया है, उनके तुर्की जाने की संभावना जताई जा रही है. अल शरा से पहले राष्ट्रपति रहे बशर अल असद को भी रूस भागना पड़ा था.

देश और उनके मुखिया पर खतरा

1- अहमद अल शरा, सीरिया

अहमद अल शरा को इजराइल से अपनी जान का खतरा सता रहा है, दरअसल सीरिया के स्वेदा शहर में हिंसा का शिकार हुए ड्रूज समुदाय को लेकर इजराइल गुस्से में हैं, एक दिन पहले ही उसने दमिश्क में राष्ट्रपति के महल के पास ड्रोन दागकर एक तरीके से चेतावनी दी थी, इसके अलावा इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद टारगेट किलिंग में माहिर है. ईरान में पूरी दुनिया की ने इसकी बानगी देखी थी. ऐसे में सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल शरा को भी डर है कि कहीं इजराइल या इजराइल की ओर से हो रहे हमलों की आड़ में कोई विरोधी या दुश्मन उनका काम तमाम न कर दे. यही वजह है कि उनके देश से भागने की अटकलें लगाई जा रही हैं.

2- लाई चिंग ते, ताइवान

ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग ते की मुश्किलें भी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. उन्हें चीन से अपनी जान का खतरा सता रहा है, दरअसल चीन की ओर से उन्हें कई बार धमकी मिल चुकी है. उन पर वन चाइना पॉलिसी की अवहेलना के भी आरोप लग रहे हैं. माना जा रहा है कि चीन की सेना और इंटेलिजेंस उनके खिलाफ साजिश कर सकता है. इसके अलावा लाई चिंग को उन ताइवानियों से भी खतरा है जो चीन के समर्थक हैं.

3- अली खामेनेई, ईरान

ईरान के सर्वोच्च लीडर अली खामेनेई को इजराइल से जान का खतरा है, हाल ही में इजराइल ने ईरान के कई वरिष्ठ कमांडरों की टारगेट किलिंग की थी, इसके बाद से अलीखामेनेई को काफी दिनों तक बंकर में रहना पड़ा था. वह बंकर से ही ईरान की सत्ता और युद्ध प्रबंधन को संभाल रहे थे. इसके अलावा सख्त धार्मिक शासन, जनता में असंतोष से भी खामेनेई डरे हैं. इजराइल की मोसाद के अलावा उन्हें मुजाहिदीन ए खल्क जैसे विद्रोही समूह से भी खतरा है.

4- रशद अल अलीमी, यमन

रशद अल अमीनी यमन के राष्ट्रपति हैं, उन्हें हूती विद्रोहियों से ही जान का खतरा है, दरअसल देश में स्थिर हालात हैं, यमन के काफी हिस्से पर हूतियों का कब्जा है. इससे पहले भी हूती पूर्व नेताओं को मारते रहे हैं, ऐसे में माना ये जा रहा है कि ये राष्ट्रपति को भी निशाना बना सकते हैं. यमन में हो रहे लगातार हमले और सत्ता संघर्ष ने इसे और पेचीदा बना दिया है. मिडिल ईस्ट में जिस तरह के हालात हैं और यमन के हूती जिस तरह इजराइल और अमेरिका पर हमलावर हैं, उससे इन दोनों देशों की ओर से भी रशद अल अलीमी को खतरा है, हालांकि दोनों ही देशों की तरफ से अभी तक कोई धमकी नहीं दी गई है.

5. निकोल पशिनयान, आर्मेनिया

आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशनियान भी डरे हुए हैं. नागोर्नो कराबाख युद्ध में हार और रूस से दूरी की वजह से उनकी हत्या का भी डर सता रहा है. खासतौर से निकोल को आंतरिक विरोध और आर्मेनियाई राष्ट्रवादियों तथा सैन्य गुटों से खतरा है. इससे पहले 2021 में भी उन पर जानलेवा हमला होते होते बचा था. निकोल पशनियान कई बार इस्तीफा देने का दबाव भी झेल चुके हैं.

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