जम्मू-कश्मीर के बारामूला में आतंकी हमला, दहशतगर्दों ने पुलिस पोस्ट को बनाया निशाना
जम्मू-कश्मीर के बारामूला में बड़ी वारदात देखने को मिली है. जहां, वाटरगाम रफी बाद में स्थिति पुलिस पोस्ट पर आतंकियों ने फायरिंग कर दी है. पोस्ट पर फायरिंग के बाद पुलिस के जवान भी हरकत में आ गए. सूत्रों के मुताबिक, पुलिस की ओर से जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी गई है. घटना में अभी तक किसी के हताहत होने की कोई जानकारी सामने नहीं आई है.
इससे पहले सोमवार को भी घात लगाए बैठे आतंकियों ने उधमपुर जिले में जम्मू-कश्मीर पुलिस के बल और विशेष अभियान समूह (SOG) की एक संयुक्त पार्टी पर हमला बोल दिया था. इस घटना में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के इंस्पेक्टर की मौत हो गई थी.
गश्ती दल को बनाया था निशाना
आतंकियों ने यह हमला उस समय किया जब बसंतगढ़ के सुदूर डुडु इलाके एसओजी और सीआरपीएफ के जवान गश्ती पर निकले थे. तभी घात लगाए बैठे आतंकियों अंधाधुंध फायरिंग कर दी. आतंकियों के हमले में सीआरपीएफ की 187वीं बटालियन के इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह को गोली लग गई. अस्पताल जे जाते समय उनकी मौत हो गई.
हमले के बाद जब सुरक्षाबलों की ओर से जवाबी कार्रवाई शुरू की गई तो आतंकी घटनास्थल से भाग निकले. हमले के बाद घटनास्थल पर में अतिरिक्त सुरक्षा बल भेज गए थे और आतंकियों की तलाश के लिए इलाके में सर्च ऑपरेशन भी चलाया गया था.
अगले महीने होने वाले हैं विधानसभा चुनाव
जम्मू-कश्मीर में एक के बाद एक आतंकी हमले ऐसे समय में हो रहे हैं जब केंद्र शासित प्रदेश विधानसभा चुनाव कराए जा रहे हैं. राज्य में करीब 10 साल बाद विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं. इससे पहले 2014 में चुनाव हुए थे. 2019 में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से चुनाव नहीं हुए थे.
चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में मतदान कराने का फैसला किया है. पहले चरण के लिए 18 सितंबर, दूसरे चरण के लिए 25 सितंबर और तीसरे चरण के लिए 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. वहीं, नतीजे 4 अक्टूबर को सामने आएंगे. माना जा रहा है कि आतंकी इस तरह की घटनाओं के जरिए घाटी में दहशत का माहौल पैदा करना चाह रहे हैं.
घाटी में अतिरिक्त जवानों की हो रही तैनाती
चुनाव को देखते हुए घाटी में सुरक्षा व्यवस्था भी तगड़ी की जा रही है. अतिरिक्त जवानों की तैनाती की जा रही है. संवेदनशील इलाके में थ्री टियर की सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है. वोटिंग के वक्त उन इलाकों मे चप्पे-चप्पे पर जवानों की तैनाती की जाएगी जहां अक्सर आतंकियों की मौजूदगी देखी जाती है.