ब्लास्ट से पहले उमर–मुजम्मिल का झगड़ा आया सामने, इसी वजह से भिड़े थे दोनों

दिल्ली में लाल किले के पास 10 नवंबर को ब्लास्ट हुआ था. घटना में 15 लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में अब तक कई खुलासे हो चुके हैं. NIA की टीम केस की जांच में जुटी हुई है. इस बीच, एक बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, ब्लास्ट से पहले पैसों को लेकर आतंकियों के बीच झगड़ा हुआ था. ये लड़ाई डॉ उमर और डॉ. मुजम्मिल के बीच हुई थी.
डॉक्टर मुजम्मिल ने मॉड्यूल के सामने रखी 2 शर्तें रखी थी. या तो पैसा लौटाओ या फिर सारा सामान वही रखेंगे. मॉड्यूल ने दूसरा विकल्प चुना और सारा सामान मुजम्मिल के पास रखवाया गया, जो 9 नवंबर को गिरफ्तारी के बाद मुजम्मिल की निशानदेही पर बरामद हुआ.
झगड़ा सुलझाने के लिए उमर ने बनाया सिग्नल ऐप पर एक ग्रुप बनाया था. इसमें उसने डॉक्टर मुजम्मिल समेत आदिल, मुफ़्फर और इरफ़ान को जोड़ा. लेकिन विवाद नहीं सुलझा.
आतंकी मुजम्मिल ने कबूली ये बात
वहीं, आतंकी मुजम्मिल ने जांच एजेंसी के सामने कबूला कि साल 2023 में दिल्ली और कई शहरों में ब्लास्ट की साजिश रची थी. दो साल से ब्लास्ट के लिए विस्फोटक का इंतज़ाम कर रहे थे. अमोनियम नाइट्रेट और यूरिया ख़रीदने की ज़िम्मेदारी मुज़म्मिल की थी. मुजम्मिल ने गुरुग्राम से 26 क्विंटल NPK खाद खरीदा था.
इस खाद को विस्फोटक में तब्दील करने की जिम्मेदारी डॉक्टर उमर मोहम्मद की थी. उमर मोहम्मद को ही विस्फोट के लिए केमिकल, रिमोट और डिवाइस अरेंज करने की जिम्मेदारी दी गई थी. मुजम्मिल ने तीन लाख रुपये में NPK खाद खरीदा था.
जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि ब्लास्ट के लिए सेल्फ फंडिंग की गई थी.
- डॉ. मुज़म्मिल ने दिए थे 5 लाख रुपये
- डॉ. आदिल अहमद राथर 8 लाख रुपये
- डॉ. मुफ़्फर अहमद राथर 6 लाख रुपये
- डॉ. उमर 2 लाख रुपये
- डॉ. शाहीना शाहिद ने 5 लाख रुपये
कुल 26 लाख रुपये कैश में जमा कर डॉ. उमर को दिए गए थे.
NIA ने अब तक 6 आरोपियों को किया गिरफ्तार
बीते दिनों ने NIA ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 और मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इसके साथ ही इस मामले में कुल गिरफ्तार आरोपियों की संख्या बढ़कर 6 हो गई. NIA ने इन चारों को श्रीनगर से गिरफ्तार किया.
गिरफ्तार किए गए आरोपी
- डॉ. मुअज़म्मिल शकील गनई (पुलवामा, J&K)
- डॉ. अदील अहमद राथर (अनंतनाग, J&K)
- डॉ. शहीन सईद (लखनऊ, यूपी)
- मुफ़्ती इरफ़ान अहमद वगाय (शोपियां, J&K)
गिरफ्तार आरोपी
- आमिर रशीद अली उसी के नाम पर वह कार रजिस्टर्ड थी जिसका इस्तेमाल धमाके में किया गया
- जासिर बिलाल वानी उर्फ़ दानिश जिसने हमलावर को तकनीकी मदद उपलब्ध कराई थी
NIA को यह जांच केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से सौंपी गई थी. एजेंसी देशभर के अलग अलग राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर इस आतंकी मॉड्यूल के हर सदस्य तक पहुंचने की कोशिश कर रही है.




