बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आया पुलिस महकमा, CM रिलीफ फंड में एक दिन की सैलरी देंगे सभी IPS अफसर

पूरे उत्तर भारत में इस समय बारिश के चलते कई जगहों पर बाढ़ की स्थिति बन गई है. वहीं लगातार बारिश के चलते पंजाब में हालात बद से बदतर हो गए हैं. राज्य के करीब 1300 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. जिसकी वजह से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस मुश्किल घड़ी में लोगों की मदद के लिए प्रदेश के नेताओं के साथ ही आम लोग भी आगे आ रहे हैं. इस बीच राज्य के सभी आईपीएस अधिकारियों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन का वेतन देने का फैसला किया है.
पंजाब पुलिस के डीजीपी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने बताया ‘विनाशकारी बाढ़ से प्रभावित पंजाब के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए, राज्य के सभी आईपीएस अधिकारियों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन का वेतन देने का संकल्प लिया है. यह योगदान चल रहे राहत और पुनर्वास प्रयासों में सहयोग के लिए एक विनम्र भाव है’.
‘हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए भी प्रतिबद्ध’
इसके आगे उन्होंने कहा ‘पुलिसिंग के अलावा, हम इस संकट की घड़ी में अपने साथी नागरिकों के साथ खड़े होना अपना मानवीय कर्तव्य समझते हैं. पंजाब पुलिस न केवल कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए, बल्कि प्रभावित लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए भी प्रतिबद्ध है. हम सब मिलकर, करुणा और सामूहिक प्रयास से इस चुनौती से पार पाएंगे और जीवन के पुनर्निर्माण में मदद करेंगे’.
CM, MLA और मंत्री भी देंगे एक महीने का वेतन
इससे पहले सूबे की आम आदमी पार्टी सरकार ने ऐलान किया था कि पंजाब में मुख्यमंत्री, मंत्री और AAP विधायक राहत कार्यों के लिए एक महीने का वेतन दान करेंगे. सीएम भगवंत मान ने घोषणा की थी कि उनकी पूरी कैबिनेट और आम आदमी पार्टी के सभी विधायकों ने राज्य में बाढ़ राहत कार्यों के लिए अपना एक महीने का वेतन दान करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा था कि प्रकृति के प्रकोप की वजह से राज्य को काफी नुकसान हुआ है और यह समय है जब सभी पंजाबियों को एक-दूसरे का समर्थन करने के लिए एकजुट होना चाहिए. सीएम ने ये भी कहा था कि राज्य सरकार और प्रशासन इस संकट की घड़ी में लोगों की मदद के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
राज्य के करीब 1300 गांव पानी में डूबे
पंजाब के हालात की बात करें तो राज्य के करीब 1300 गांव पानी में डूब चुके हैं. चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. अब तक 30 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. बाढ़ के चलते लाखों लोग बेघर हो गए है. वो सड़कों और राहत शिविरों में दिन-रात गुजारने को मजबूर हैं. राज्य की सतलज, ब्यास, रावी, और घग्गर नदियां उफान पर हैं. आपदा प्रबंधन से जुड़े लोग युद्धस्तर पर लगे हुए हैं. बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाने की कोशिश की जारी हैं.




