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खेल मंत्री माणिकराव कोकाटे की 2 साल की सजा बरकरार, महाराष्ट्र में अरेस्ट वारंट जारी

महाराष्ट्र के खेल मंत्री माणिकराव कोकाटे की मुश्किलें बढ़ गई हैं.नासिक की सेशंस कोर्ट ने धोखाधड़ी के मामले में मंत्री और उनके भाई के खिलाफ 2 साल को बरकरार रखा है. दरअसल, ये मामला 1998 में कम इनकम दिखाकर 10% EWS कोटे के तहत फ्लैट हासिल करने का है. कोर्ट ने माणिकराव कोकाटे और उनके भाई विट्ठल कोकाटे को हाउसिंग कोटा धोखाधड़ी मामले में दो साल की सश्रम कैद की सजा सुनाई गई थी. इनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. अब इन्हें कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है.

फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सुनाई थी सजा

फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कोकाटे को दो साल जेल की सजा सुनाई थी और उन पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था. यह मामला 30 साल से भी ज़्यादा पुराना है. उन्होंने फर्जी डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल करके कम इनकम ग्रुप कैटेगरी के लिए बने एक फ्लैट को अलॉट कराया.

मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पाया था कि कोकाटे और उनके भाई, विजय कोकाटे ने मुख्यमंत्री के विवेकाधीन कोटे के तहत धोखाधड़ी से दो फ्लैट लिए थे. इस मामले में उन्हें बाद में जमानत मिल गई थी. इस मामले में बाद में वे सेशंस कोर्ट गए थे. लेकिन, जिला सेशंस जज पी.एम. बदर ने मंगलवार को उनकी इस सजा को बरकरार रखा.

पांच बार विधायक रहे हैं माणिकराव कोकाटे

यह केस को पूर्व मंत्री और शिवसेना नेता तुकाराम ने दायर किया था. उन्होंने कोकाटे भाइयों पर नासिक के येओलेकर माला में कॉलेज रोड पर स्थित निर्माण व्यू अपार्टमेंट में धोखे से फ्लैट पाने के लिए डॉक्यूमेंट में हेराफेरी करने का आरोप लगाया था. नासिक जिले के सिन्नर से पांच बार विधायक रहे माणिकराव कोकाटे फिलहाल अजीत पवार के नेतृत्व वाली NCP के साथ हैं. फैसले के बाद विपक्ष ने उनकी तत्काल अयोग्यता और कैबिनेट से हटाने की मांग की है.

NCP (SP) नेता रोहित पवार ने मांग की है कि सरकार को तुरंत कोकाटे को उनके पद से हटा देना चाहिए. उन्होंने कोई कार्रवाई न करने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की.

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