संपूर्ण सनातन भारत ही चेतना का लक्ष्य : राजेश चेतन

नई दिल्ली, (ब्यूरो): संस्कार को अपनी वास्तविक धरोहर और संपूर्ण सनातन भारत को ही मूल लक्ष्य मानने वाली संस्था चेतना ने राष्ट्रवाद की लौ को और प्रखर करने के लिए रोहिणी में इस्लाम और विश्व शांति व्याख्यान का आयोजन किया। लाला पन्ना लाल सिंघल स्मृति व्याख्यानमाला की यह नौवीं कड़ी थी। जाने माने उद्योगपति अनिल सिंघल व्याख्यान के स्वागताध्यक्ष रहे। व्याख्यान के मुख्य वक्ता और दिल्ली विश्वविद्यालय के राजनीतिक विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. संगीत रागी ने इस अवसर पर अनेक प्रमाण देते हुए कहा कि मुझे तो यह विषय इस्लाम और विश्व शांति अटपटा लग रहा है। भारत का विभाजन 1947 में धर्म के आधार पर हुआ। उस समय देश में मुस्लिमों की संख्या कुल आबादी की 23 प्रतिशत थी जिसमें से 9.4 प्रतिशत मुसलमान यहीं रह गए। आज भारत में मुस्लिमों की संख्या 17 प्रतिशत से अधिक है। व्याख्यान की अध्यक्षता विश्वविख्यात कलाकार एवं चित्रकार बाबा सत्यनारायण मौर्य ने की। उनके संबोधन में ओज, तेज, प्रखरता, कटाक्ष, रिद्म का समावेश था। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के गौसेवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद फैज खान विषय प्रवर्तक के रूप में उपस्थित हुए। उन्होंने इस्लाम की सारगर्भित व्याख्या की और कहा कि इस्लाम लिबरल है, लचीला है लेकिन मुल्लाओं और मौलवियों ने उसकी गलत व्याख्या करके कट्टरता का पर्याय बना दिया। भीलवाड़ा से आए प्रसिद्ध कवि योगेन्द्र शर्मा के ओजस्वी काव्य पाठ ने सभी उपस्थित दर्शकों, श्रोताओं को अभिभूत और राष्ट्र प्रेम सराबोर कर दिया। उनकी हर पंक्ति पर उपस्थित लोगों ने तालियां बजा कर देशभक्ति के स्वर मुखर किए।