समर कैंप से निखरती है छुपी हुई प्रतिभा: विमलेश

भिवानी, (ब्यूरो): सी.बी.एस.ई.के निर्देशानुसार भारतीय भाषा(संस्कृत) को उजागर करने हेतु हलवासिया विद्या विहार के प्रांगण में आज गर्मी की छुट्टियों का सदुपयोग करते हुए कक्षा छठी से बारहवीं तक के विद्यार्थियों के लिए सात दिवसीय समर कैंप की शुरुआत की गई। कैंप में विभिन्न कलाएं सिखाई जा रही हैं जिसके अंतर्गत विद्यार्थियों में छिपी प्रतिभा को निखारा जा रहा है। समर कैंप के प्रथम दिन की शुरुआत सर्वप्रथम प्रात:: वेला में स्काउट एंड गाइड्स व योग कार्यक्रम के साथ हुई। समर कैंप का शुभारंभ मांँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन व वंदना के साथ हुआ। संस्कृत भाषा में रुचि दिखाते हुए इस समर कैंप में 75 विद्यार्थियों ने भाग लिया।संस्कृत के शिक्षकों ने सभी विद्यार्थियों को संस्कृत भाषा की महत्ता को समझाते हुए बताया कि संस्कृत भाषा हमारे देश की सबसे प्राचीन भाषा है। यह सभी भाषाओं की जननी है। इसके दौरान छात्रों को इसके धार्मिक महत्व, साहित्यिक महत्व एवं वैज्ञानिक महत्व के बारे में बताया गया। आज की कक्षा के अंतर्गत संस्कृत वर्णमाला, संस्कृत संख्या लेखन एवं बच्चों को संस्कृत अभिवादन सिखाया गया। तदुपरांत संस्कृत गीत एवं संस्कृत नृत्य का अभ्यास कराया गया जिसका सभी विद्यार्थियों ने भरपूर आनंद लिया। आचार्या विजय लक्ष्मी एवं आचार्य रमेश बंसल ने स्काउट एवं गाइड्स के नियमों से अवगत कराते हुए बच्चों को ट्रैफिक नियमों व स्वच्छता के बारे में बताया। आचार्या अंजू लोहान के द्वारा विद्यार्थियों को योग के गुर सिखाए गए। उन्होंने बताया कि योग एक प्राचीन अभ्यास है जो शारीरिक ,मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। कैंप का संचालन विद्यालय प्रशासक डॉक्टर शमशेर सिंह अहलावत , प्राचार्य विमलेश आर्य तथा सभी विभाग प्रमुखों के निर्देशन में कुशलता पूर्वक हो रहा है। इस अवसर पर विद्यालय प्रशासन ने कैंप में भाग लेने वाले छात्रों तथा उनके अभिभावकों की प्रशंसा की। जिन्होंने अपने बच्चों को इस भारतीय भाषा (संस्कृत) कैंप में भेजकर सराहनीय कार्य किया। इन सभी गतिविधियों में आचार्य महेश शास्त्री, हरिश्चंद्र , गोविंद प्रताप मिश्रा, विशाल भारद्वाज व आचार्या सारिका अरोड़ा, कांता डांगी, संतोष यादव, आरती शर्मा, सोनिया, शालिनी, कोमल, सांची, सुमन तंवर, ममता शर्मा उपस्थित रहे।