बिना FIR जांच के आंकड़े न सौंपने पर High Court सख्त, हरियाणा सरकार को लगाई फटकार
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बिना एफआईआर के विभिन्न स्तर पर अधिकारियों की जांच के मामले में हरियाणा सरकार की ओर से जवाब नहीं आने पर जमकर फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि यदि
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बिना एफआईआर के विभिन्न स्तर पर अधिकारियों की जांच के मामले में हरियाणा सरकार की ओर से जवाब नहीं आने पर जमकर फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि यदि अगली सुनवाई तक रिपोर्ट नहीं आई तो डीजीपी को अदालत में खुद हाजिर रहना होगा।
हाईकोर्ट के समक्ष पंजाब का एक मामला पहुंचा था जिसमें बताया गया था कि बिना किसी अपराध के लगातार याची के खिलाफ जांच की जा रही हैं। एक बार जांच में क्लीन चिट मिलने के बाद भी फिर से जांच बैठा दी गई। इस मामले में पंजाब सरकार से हाईकोर्ट ने बिना एफआईआर के लंबित जांच के मामलों का ब्योरा मांगा था। पिछली सुनवाई पर पंजाब सरकार ने बताया था कि उन्हें 128223 शिकायतें मिली थीं और इनमें से 114486 मामलों का निपटारा किया जा चुका है। 15884 मामलों में अभी जांच विचाराधीन है। इसके बाद हाईकोर्ट ने हरियाणा व चंडीगढ़ को भी पक्ष बना लिया था और रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने कह था कि संज्ञेय अपराध में बिना एफआईआर जांच करना कानूनी रूप से गलत है। लगातार हमारे संज्ञान में आ रहा है कि जहां संज्ञेय अपराध की कोई सूचना न हो वहां पर भी जांच विभिन्न स्तर पर की जा रही है। इस प्रकार अब इस मामले में हरियाणा व चंडीगढ़ को भी पक्ष बनाना जरूरी है।
मामला सुनवाई के लिए पहुंचा तो यूटी प्रशासन ने बताया कि उनके पास कुल 25741 शिकायतें आई थी और इनमें से 18464 का निपटारा कर दिया गया। वर्तमान में 7067 मामलों की जांच लंबित है। इसके बाद हरियाणा सरकार से जवाब मांगा गया तो इसके लिए मोहलत मांगी गई। हाईकोर्ट ने इस पर हरियाणा सरकार को फटकार लगाते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि यदि अगली सुनवाई तक रिपोर्ट नहीं आई तो डीजीपी को खुद हाजिर होकर जवाब देना होगा। ऐसे में हाईकोर्ट ने अब हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ तीनों को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।