धर्म/अध्यात्म

राम मंदिर के शिखर पर हुआ ध्वजारोहण, 24 नवंबर से दर्शन बंद, जानें रामलला के दीदार की नई तारीख

भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में एक बार फिर कार्याक्रम आयोजित होने जा रहा है. इस बार श्रीराम की नगरी में ध्वजारोहण कार्याक्रम होने जा रहा है. इसी के साथ एक और स्वर्णिम अध्याय राम मंदिर और इस नगरी से जुड़ जाएगा. ये ध्वजारोहण कार्यक्रम 25 नवंबर को होगा. इस दिन राम मंदिर के मुख्य शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ध्वजारोहण करेंगे.

राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण कार्यक्रम के कारण 24 नवंबर को शाम से ही श्रद्धालुओं के लिए रामलला के दर्शन बंद कर दिए जाएंगे. इसके बाद 26 नवंबर से दोबारा अपने निर्धारित समय से सुबह सात बजे से श्रद्दालु अपने रामलला के दर्शन कर सकेंगे. ये जानकारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की ओर से दी गई है.

कार्यक्रम में सीमित लोगों को ही निमंत्रण

चंपत राय ने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में पूरे देश को न्योता दिया गया था, लेकिन इस ध्वजारोहण कार्यक्रम में पूर्वी उत्तर प्रदेश को वरियता दी गई है. इस कार्यक्रम में सीमित लोगों को ही निमंत्रण दिया गया है, क्योंकि मंदिर में निर्माण बहुत ज्यादा हो गया है. इस वजह से मंदिर में बैठने की जगह कम हो गई है. ध्वजारोहण के दिन यानी 25 नवंबर को सुबह आठ बजे मंदिर में प्रवेश शुरू हो जाएगा.

कार्यक्रम में पीएम समेत इन लोगों की रहेगी मौजूदगी

सुबह 9 बजे तक ही मंदिर में प्रवेश हो सकेगा. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव की ओर से बताया गया कि इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ-साथ यूपी की रज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख मोहन भागवत की भी मौजूदगी होगी. कार्यक्रम दोपहर दो बजे तक पूरा हो जाएगा. इसके बाद आमंत्रित आथितियों को लाइन में लगाकर दर्शन कराया जाएगा.

जो ध्वज राम मंदिर के मुख्य शिखर पर पहराया जाना है, उसका आकार त्रिकोणीय है. ध्वज को 190 फीट की ऊंचाई पर चढ़ाया जाना है. ध्वजारोहण कार्यक्रम में जो अथिति आमंत्रित किए गए हैं, उनको ठहराने के लिए ट्रस्ट की ओर से 1600 कमरों की व्यवस्था की गई है.

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