यूपीएस इतना अच्छा है तो पहले सांसद, विधायकों पर आजमाए सरकार: शास्त्री
परिणाम अच्छे हों तो कर्मचारियों को भी दिया जा सकता है विकल्प

भिवानी , (ब्यूरो): पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा के आई टी सेल प्रमुख शिव कुमार शास्त्री ने कहा कि केंद्र सरकार कर्मचारियों के लिए एनपीएस के विकल्प में यूपीएस यानी युनिफाइड पेंशन स्कीम, यह तो कर्मचारियों के लिए एनपीएस से भी ज्यादा घातक है । क्योंकि इसमें कर्मचारी का सारा का सारा अंशदान सरकार में चला जाता है जबकि एनपीएस में 60 प्रतिशत तो एकमुश्त मिल जाता है। साथ में यदि एक बार यूपीएस स्वीकार कर ली तो बाद में और किसी विकल्प की भी मांग नहीं कर सकते। कर्मचारियों का मानना है यदि यूपीएस इतनी ही अच्छी है तो क्यों न पहले इसे सांसद, विधायकों व जजों पर लागू किया जाए यदि उधर परिणाम अच्छे आते हैं तो फिर कर्मचारियों को भी विकल्प दिया जा सकता है क्योंकि एनपीएस लागू करते भी बहुत सब्जबाग दिखाए गए थे लेकिन परिणाम कितने भयावह आ रहे हैं सोच कर भी रुह कांप उठती है। उन्होंने बताया कि विजेंद्र धारीवाल के नेतृत्व में संघर्ष समिति लंबे समय से पुरानी पेंशन के लिए प्रदेश में संघर्ष कर रही है और आंदोलन की पीक पर ला खड़ा कर दिया है जबकि दूसरी तरफ विजय बंधु के नेतृत्व में पूरे देश के कर्मचारी ओपीएस के लिए एकजुट हो चुके हैं। शेयर बाजार हर रोज धड़ाम हो रहा है इसी के साथ कर्मचारियों का एनपीएस का पैसा भी स्वाहा हो रहा है। कर्मचारियों के लिए एक तरफ कुआं तो एक तरफ खाई है है जबकि उनका भविष्य ओपीएस में सुरक्षित है जहां सांसद, विधायकों का भी सुरक्षित है। हम सरकार से मांग करते हैं कर्मचारियों को धन्नासेठों के लिए हितकारी एनपीएस यूपीएस की प्रयोगशाला न बना उनके बुढापे को सुरक्षित करने वाली पुरानी पेंशन को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए।