संयम, श्रद्धा ,साधना से खुलता मोक्ष द्वार : साध्वी तिलक
भिवानी,(ब्यूरो): तेरापंथ भवन में सारिका जैन की 8 दिन की तपस्या का अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित किया गया। साध्वी तिलक ने कहा कि संयम, श्रद्धा और साधना से मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं । उन्होंने कहा कि जैन धर्म में तपस्या का बहुत अधिक महत्व है और तप के प्रभाव से असंभव कार्य भी संभव हो सकता है। उन्होंने कहा कि दृढ़ संकल्प वाला व्यक्ति ही तपस्या कर सकता है । सुरेंद्र जैन की धर्मपत्नी सारिका जैन ने 61 वर्ष की आयु में 8 दिनों की निराहार तपस्या करके अपने खानदान का नाम रोशन किया है साध्वी जी ने तपस्विनी के स्वास्थ्य के लिए आशीर्वाद दिया और परिवार के प्रति मंगल भावना व्यक्त की । उन्होंने उपस्थित धर्म अनुरागी भाई बहनों को चातुर्मास काल के दौरान तपस्या के द्वारा कर्मों की निर्जरा करने की शिक्षा दी । साध्वी निर्णय प्रभा एवं महिमा ने एक गीतिका के द्वारा सारिका जैन की तपस्या की अनुमोदना की। श्री अग्रसेन ट्रस्ट के अध्यक्ष रामदेव तायल ने कहा कि सुरेंद्र जैन का परिवार एक आदर्श परिवार है और उनके परिवार से बहुत कुछ सीखा जा सकता है । सुरेंद्र जैन अधिवक्ता ने कहा कि उनके परिवार पर गुरुदेव की महती कृपा है और साध्वी की प्रेरणा से ही यह तपस्या सानंद हो रही है । इस अवसर पर सारिका के पुत्र सौरभ जैन व कार्यक्रम संयोजक रमेश बंसल ने सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर नैतिक बालड़, सुषमा जैन ,सामंती जैन, नवीन नाहटा ,जगत नारायण भारद्वाज, रमेश जैन, मधु जैन ,शकुंतला बंसल ,मानिकचंद नाहटा,अनिल सिंगला, वनिता जैन, सुनीता नाहटा ,सुभाष जैन ,सार्थक जैन, सारांश जैन, संस्कृति जैन ,महेंद्र जैन, विकास जैन, रेनू नाहटा ,प्रेरणा बंसल ,गोपाल जैन ने तपस्या की अभिवंदना की ।




