ग्रेटर नोएडा वेस्ट से एनएच-9 तक बनेगी एलिवेटेड रोड, 400 करोड़ आएगा खर्च

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (National Highways Authority of India) ग्रेटर नोएडा वेस्ट से एनएच-9 तक एलीवेटेड रोड बनाने की तैयारी में है. ये एलीवेटेड रोड ग्रेटर नोएडा वेस्ट के एक मूर्ति चौक से शाहबेरी बेरी रोड होते हुए एनएच-9 तक बनाई जाएगी. ये चार लेन की एलीवेटेड रोड होगी, जोकि चार किलोमीटर लंबी होगी. एनएचआई के चेयरमैन संतोष यादव के साथ बैठक के बाद ग्रेटर नोएडा के अथॉरिटी के अधिकारियों ने ये फैसला लिया है.
इस परियोजना की लागत लगभग 400 करोड़ रुपये होने की उमीद है. ग्रेटर नोएडा वेस्ट के एक मूर्ति चौक से शाहबेरी बेरी रोड होते हुए एनएच-9 तक बनने वाली इस एलीवेटेड रोड के लिए चार अथॉरिटी मिलकर फंड देंगी. एलीवेटेड रोड के निर्माण के लिए फंड देने वालों में गाजियाबाद डिवलेपमेंट अथॉरिटी, नोएडा अथॉरिटी, यमुमा अथॉरिटी और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी शामिल है. एनएचआई के चेयरमैन के साथ बैठक में एलीवेटेड रोड का काम जल्द से जल्द शुरू करने पर भी चर्चा हुई.
एनएच-9 तक एलीवेटेड रोड बनाने पर सहमति
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ ने बताया कि शाहबेरी रोड को चौड़ा करने के बाद एलीवेटेड रोड का काम शुरू कराना प्राथमिकता में है. इसके निर्माण की तैयारियां तेज कर दी गई हैंं. इसी कड़ी में एनएचआई के चेयरमैन संतोष यादव के साथ बैठक की गई. बैठक में एनएच-9 तक एलीवेटेड रोड बनाने को लेकर सभी सहमत हो गए हैं. ये रोड चार लेन और इतने की ही किलोमीटर की होगी. हालांकि इसे छह लेन का करने पर भी मंथन किया जा रहा है. एनएच-9 पर लूप बनाने का प्रस्ताव है. बता दें कि केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (CRRI) की टीम की ओर से पहले ही स्थल का निरीक्षण और परियोजना से संबंधित अध्ययन कर चुकी है.
सीआरआरआई ने रोड के लिए दिए दो डिजाइन
इसके बाद टीम अब डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने में जुट गई है. केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान ने एलीवेटेड रोड के लिए दो डिजाइन सुझाए हैं. अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया की सीआरआरआई ने एलीवेटेड रोड के लिए दो डिजाइनों का सुझाव दिया है. एक में 800 मीटर और 14 मीटर चौड़ी एलीवेटेड रोड जबकि दूसरे में 800 मीटर लंबी और 16 मीटर चौड़ी एलीवेटेड रोड का सुझाव है.
एक अनुमान के अनुसार, आने वाले पांच सालों में ग्रेटर नोएडा वेस्ट की आबादी 20 लाख से अधिक हो जाएगी. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शुरू होने बाद ट्रैफिक का दबाव और बढ़ेगा. यही सब देखते हुए ये एलीवेटेड रोड बनाने का फैसला किया गया है.