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पिता की मौत के बाद भी रुड़की के मधुकर ने टूटने नहीं दिया हौसला, मिली कामयाबी; पढ़ें संंघर्ष की कहानी

वर्तमान में मधुकर देहरादून में वायु सेना के आडिट विभाग में अस्टिटेंट आडिट अफसर के पद पर कार्यरत हैं। मधुकर आर्य ने सिविल सर्विसेज की परीक्षा में 801वीं रैंक प्राप्त की है।उनके पिता मुकेश आर्य कस्बा झबरेड़ा में सर्राफा की दुकान चलाते थे। 2016 में सड़क हादसे में उनका निधन हो गया था। मां पूनम आर्य ने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने के लिए हौसला दिया।

संवाद सूत्र, जागरण, झबरेड़ा: कस्बा झबरेड़ा निवासी मधुकर आर्य ने सिविल सर्विसेज की परीक्षा में 801वीं रैंक प्राप्त कर कस्बे का नाम रोशन किया। वर्तमान में मधुकर देहरादून में वायु सेना के आडिट विभाग में अस्टिटेंट आडिट अफसर के पद पर कार्यरत हैं।

फोन पर हुई बातचीत में मधुकर आर्य ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा कस्बा झबरेड़ा के चरत निकेतन विद्यालय से हुई। इसके बाद रुड़की के आनंद स्वरूप आर्य सरस्वती विद्या मंदिर से इंटर करने के बाद एनएसआइटी दिल्ली से बीटेक किया। वर्ष 2020 में उनका चयन वायुसेना की आडिट विंग में हो गया।

मधुकर ने बताया कि उनके पिता मुकेश आर्य कस्बा झबरेड़ा में सर्राफा की दुकान चलाते थे। 2016 में सड़क हादसे में उनका निधन हो गया था। मां पूनम आर्य ने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने के लिए हौसला दिया।

मधुकर ने बताया कि उनकी बड़ी बहन चंद्रिका आर्य दिल्ली में एक कालेज में सहायक प्रोफेसर है, जबकि छोटी बहन वर्णिका आर्य

दून के पवन गोयल ने दूसरी बार क्रैक की सिविल सेवा परीक्षा

हर साल लाखों युवा सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करते हैं। पर कुछ को ही इस परीक्षा में सफलता मिलती है। इन्हीं में कुछ होनहार ऐसे भी हैं जो एक बार सफलता अर्जित कर बेहतरी की चाह में लग जाते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है दून निवासी पवन कुमार गोयल की।

फिलहाल आइआरएस अधिकारी पवन ने सिविल सेवा परीक्षा में इस बार 28वीं रैंक हासिल की है। उनका चयन आइएएस के लिए हुआ है। पवन का परिवार यहां दून के राजेंद्रनगर में रहता है। उनके दादा सुशील कुमार गोयल ने बताया कि पवन के पिता शलभ गोयल रेलवे में हैं। वह फिलहाल वेस्टर्न रेलवे में चीफ विजिलेंस आफिसर हैं।

पिता के रेलवे में होने के कारण पवन की पढ़ाई भी अलग-अलग शहरों से हुई। इसके बाद उन्होंने दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उनकी ख्वाहिश प्रशासनिक सेवा में जाने की थी, सो जी-जान से इसकी तैयारी में जुटे रहे। सिविल सेवा परीक्षा पास की और उनका चयन आइआरएस अधिकारी के तौर पर हुआ। फिलहाल उनकी तैनाती मुंबई में आयकर विभाग में है। आइआरएस अधिकारी के तौरा पर सेवा देते हुए उन्होंने आगे भी मेहनत जारी रखी। इस बार उन्हें काफी बेहतर रैंक मिली है।

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