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गर्मी आते ही लगभग 10 प्रतिशत बढ़ी भारत की बिजली खपत, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह

इस साल अप्रैल की पहले 15 दिनों में सालाना आधार पर लगभग 10 प्रतिशत बढ़कर 70.66 अरब यूनिट (बीयू) हो गई जो आर्थिक गतिविधियों और उपभोग पैटर्न में सुधार दर्शाता है। पिछले साल पूरे अप्रैल महीने के दौरान एक दिन में सबसे अधिक आपूर्ति लगभग 216 गीगावॉट थी।सितंबर 2023 में बिजली की मांग 243 गीगावॉट के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी।

मंत्रालय डेटा से पता चला है किभारत की बिजली खपत इस साल अप्रैल की पहले 15 दिनों में सालाना आधार पर लगभग 10 प्रतिशत बढ़कर 70.66 अरब यूनिट (बीयू) हो गई, जो आर्थिक गतिविधियों और उपभोग पैटर्न में सुधार दर्शाता है।

आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 1-15 अप्रैल के दौरान देश में बिजली की खपत एक साल पहले की अवधि में 64.24 एमयू से बढ़कर 70.66 एमयू हो गई। अधिकतम बिजली की मांग पूरी हुई या एक दिन में सबसे अधिक आपूर्ति अप्रैल की पहली छमाही में बढ़कर लगभग 218 गीगावॉट हो गई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 206 गीगावॉट थी।

गर्मी के मौसम में बढ़ता है बिजली

पिछले साल पूरे अप्रैल महीने के दौरान एक दिन में सबसे अधिक आपूर्ति लगभग 216 गीगावॉट थी। मंत्रालय ने लू की लंबी अवधि को देखते हुए गर्मी के मौसम (अप्रैल से जून) के दौरान 260 गीगावॉट की अधिकतम बिजली मांग का अनुमान लगाया है। सितंबर 2023 में चरम बिजली की मांग 243 गीगावॉट के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इस साल गर्मियों के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से

विशेषज्ञों ने कहा कि आने वाले दिनों में बिजली की मांग बढ़ेगी क्योंकि देश के विभिन्न हिस्सों में बारिश के कारण साल के इस समय में इस्तेमाल होने वाले कूलिंग उपकरणों जैसे एयर कंडीशनर, डेजर्ट कूलर आदि की आवश्यकता कम हो गई है।

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