भारतीय समाज को आध्यात्मिक मूल्यों से जोड़ते है महाकुंभ : प्राचार्य सज्जन भारद्वाज
ऑकवुड स्कूल में महाकुंभ पर कार्यक्रम आयोजित, विद्यार्थियों को बताया महाकुंभ का महत्व

भिवानी (ब्यूरो): भारतीय परंपरा व परिवेश से आज की पीढ़ी को सुपरिचित करवाने के उद्देश्य से शनिवार को स्थानीय ऑकवूड स्कूल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में देश में वर्तमान में चल रहे सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। जिसमें बच्चों व आचार्य वर्ग ने बढ़-चढक़र भाग लिया। कार्यक्रम का आरंभ मां सरस्वती की वंदना से किया गया। तत्पश्चात हंसवी ऑन्सी, अनुष्का, रितिका जांगड़ा आदि ने कुंभ व भारतीय संस्कृति से संबंधित अनेक प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम का सूत्र वाक्य रहा,्र युग बदले सदियां बदली, शासन बदले लेकिन सनातन संस्कृति व आस्था का समागम नहीं बदला। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्य सज्जन भारद्वाज ने बच्चों को महाकुंभ से संबंधित आध्यात्मिक व वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ सामाजिक समरसता और एकता का प्रतीक है, जो भारतीय समाज को आध्यात्मिक मूल्यों से जोडऩे का कार्य करता है। उन्होंने बताया कि कुंभ या महाकुंभ का आयोजन सूर्य, पृथ्वी व बृहस्पति की विशेष स्थिति आने पर ही आयोजित होता है। अर्धकुंभ हमारे देश के उज्जैन, नासिक, हरिद्वार व प्रयागराज में आयोजित किए जाते है, लेकिन महाकुंभ केवल गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी जिसे संगम भी कहा जाता है, यहीं पर आयोजित होता है। इस बार का महाकुंभ 144 वर्षो के बाद 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक आयोजित हो रहा है। जिसमें देश दुनिया के 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के भाग लेने की संभावना है। अंत में प्राचार्य ने सभी बच्चों को व उनके परिजनों को महाकुंभ में भाग लेने के लिए प्रेरित किया तथा इस महापर्व की शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में विद्यालय निदेशक दिनेश सिंह कार्यकारिणी सदस्य विक्रम राणा व मानवेंद्र सिंह ने भी सभी को संबोधित किया।