व्यक्ति की हत्या के मामले में पांच को उम्र कैद, 10 हजार रूपये जुर्माना, एक बरी
भिवानी, (ब्यूरो): थाना सिवानी में 28 अगस्त 2021 को एक व्यक्ति की हत्या के मामले में शिकायत दर्ज करवाते हुए गांव मंढोली खुर्द निवासी मुकेश कुमार पुत्र असबीर सिंह ने बताया कि उनकी गांव के कुछ लोगों के साथ पुरानी रंजीश चली आ रही है। जिसके चलते उसके भाई पवन कुमार ने आत्म हत्या कर ली थी। इस आत्म हत्या के लिए मजबूर करने वाले लोगों के खिलाफ उसके पिता असबीर सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसमें पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ मुकादमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया हुआ था। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए गांव के युवक भागीरथ, रामलाल को जिला कोर्ट ने बरी कर दिया था जिसकी उन्होंने कोर्ट में अपील भी कर रखी थी। इसी रंजिश के कारण गांव के अमित पुत्र बिरजा व बिन्दु पुत्र देसराज ने उसके पिता के साथ झगड़ा भी किया था और 10-12 दिन के अंदर-अंदर जान से मारने की धमकी भी दी थी। उन्होंने बताया कि 25 अगस्त 2021 को उसका पिता खेत से घर आ रहा था तभी रास्ते में अमित पुत्र बिरजा, सुरेन्द्र पुत्र सुरजा, बिन्दु पुत्र देसराज, छोटु उर्फ रविन्द्र पुत्र देसराज, बिजेन्द्र पुत्र राजबीर, सोनु पुत्र चेतराम ने उस पर जानलेवा हमला कर दिया। उसके पिता की चीखने की आवाज सुनकर उसके भाई के लडक़े ने देखा और आवाज दी की मेरे दाता को मार रहे हैं बचावो। उसकी आवाज सुनकर व तथा उसकी भतीजी वहां पर पहुंचे तब तक उक्त लोगों ने उसके पिता के सिर पर वार कर जान लेवा हमला कर दिया। उन्होंने बचाव के लिए सोर मचाया जिससे सुनकर परिवार के अन्य सदस्य व ग्रामीण वहां पहुंचे तो हमलावर वहां से भाग गए। उसके पिता को ईलाज के लिए 26 अगस्त 2021 को हिसार के जिंदल अस्पताल में भर्ती करवाया और पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। सिर में गहरी चोटेें होने के कारण उसके पिता ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस ने उसकी शिकायत पर उक्त आरोपितों के खिलाफ धारा 302, 147, 148 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया तथा आरोपितों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। इस मामले में सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा. संजीव आर्य की कोर्ट ने 4 अप्रैल 2025 को अपना फैसला सुनाया जिसमें शिकायतकत्र्ता की तरफ से सरकारी अधिवक्ता आजाद सिंह मलिक ने अपना दावा मजबूती के साथ पेश किया। फैसला सुनाते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा. संजीव आर्य आरोपी बिट्टू को शक के विनाह पर बरी किया तथा आरोपी सोनु पुत्र लाल बहादुर, सुरेन्द्र, रविन्द्र, अमीत व सोमवीर को धारा 302/149 आईपीसी में उम्र कैद तथा 10-10 हजार रूपये का जुर्माना की सजा सुनाई। जुर्माना न देने पर 2 माह की अतिरिक्त सजा सुनाई।