मध्यप्रदेश

पिकअप ड्राइवर ने लड़की और उसकी दादी को दिया लिफ्ट, जंगल में ले जाकर रेप; सिंगरौली में आदिवासी लड़की से दरिंदगी

मध्य प्रदेश के सिंगरौली गढ़वा थाना के नौडिहवा चौकी क्षेत्र में एक नाबालिग आदिवासी लड़की के साथ रेप का मामला सामने आया है. आरोप है कि मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए उसे चार दिन तक इंतजार करना पड़ा. स्थानीय पुलिस टालमटोल करती रही. पीड़िता के मुताबिक, शुरू में पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया था, लेकिन उसे थाने से ही छोड़ दिया. आरोपी की धमकी से परेशान नाबालिग अपने परिजन के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची और न्याय की गुहार लगाई.

300 रुपये देकर डीजल लेने के लिए भेजा

वहीं पीड़िता की दादी को 300 रुपये देकर डीजल लेने के लिए भेज दिया. दादी के जाते ही आरोपी उसके साथ गाड़ी में ही छेड़छाड़ करने लगा. यहां डर से वो गाड़ी से उतरी तो आरोपी ने जबरन उसका रेप किया. इसके बाद पीड़िता ने दादी को पूरी आपबीती बताई.

वारदात में पीड़िता के जान पहचान वाले नौडिहवा चौकी में बात किए. लेकिन चौकी में पदस्थ पुलिसकर्मियों ने उसको चौकी में आने से इसलिए मना कर दिया क्योंकि प्रभारी छुट्टी में थे. इसके बाद 30 जून को पीड़िता अपने परिजनों के साथ चौकी पहुंची, जहां से उसे गढ़वा थाने भेज दिया गया. यहां शिकायत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया.

पीड़िता ने बताया कि शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी को थाने में दो दिनों तक रखा, लेकिन उसके बाद छोड़ दिया. अब आरोपी परमेश्वर जायसवाल मामले में सुलह करने का दबाव बनाने के साथ उसे जान से मारने की धमकी दे रहा है.

परिजन के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची, रेप पीड़िता बेबस और लाचार नजर आई. आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया. 2 दिन से लगातार आरोपी घर में आकर कैस वापस लेने के साथ जान से मारने की धमकी दे रहा है.

एएसपी ने कहा जल्द होगी गिरफ्तार

पीड़िता ने बताया कि परिजनों के साथ एएसपी से मुलाकात हुई है. उन्होंने भरोसा दिया है कि जल्द ही आरोपी की गिरफ्तारी होगी. लेकिन सवाल यह है कि आखिर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद क्यों छोड़ा. छोड़ने के पीछे वजह क्या रही, यह बात पुलिस को स्पष्ट करनी चाहिए. वहीं पीड़िता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस को आवश्यक कदम भी उठाना चाहिए.

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