हरियाणा

उद्यमियों ने नीले पत्थर का बेस रेट घटाने की मांग कर ज्ञापन सौंपा

तोशाम, (वीरेन्द्र): खानक क्षेत्र के क्रेशर मालिकों और पत्थर उद्योग से जुड़े उद्यमियों ने नीले पत्थर का बेस रेट घटाने की मांग को लेकर एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक पंचकूला के नाम ज्ञापन सौंपा है। उनका कहना है कि वर्तमान में खानक क्षेत्र में नीले पत्थर का बेस रेट 325 प्रति मीट्रिक टन निर्धारित है, जो मौजूदा बाजार परिस्थितियों और प्रतिस्पर्धा के लिहाज से अत्यधिक है। प्रधान भीष्म महत्ता, उमेश मंगल, रमेश श्योराण,राजू महत्ता, जेपी, संजीव नम्बरदार, प्रदीप नैन, सतबीर खानक, नरेश सुरज, नवीन ढ़ीलू, निलेश, रजत आदि क्रेशर मालिकों ने बताया कि खानक पहाड़ की मासिक उत्पादन क्षमता करीब एक लाख टन है, लेकिन ऊंचे रेट के कारण केवल 60,000 से 70,000 टन ही बिक पाता है। इससे उत्पादन क्षमता का पूर्ण उपयोग नहीं हो पा रहा। हाल ही में इस क्षेत्र को दी गई पर्यावरण मंजूरी दस मीट्रिक टन से बढ़ाकर 24 मीट्रिक टन किया गया है, परंतु रेट अधिक होने के कारण इस लक्ष्य तक पहुंचना संभव नहीं हो पा रहा है। ज्ञापन में बताया गया कि अन्य क्षेत्रों जैसे दादरी और नारनौल में नीले पत्थर का बेस रेट 161 से 252 रुपये प्रति मीट्रिक टन तक है, जिससे खानक क्षेत्र के उद्यमियों को सीधी प्रतिस्पर्धा में नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्रशासन से कई बार अनुरोध करने के बावजूद, अफसरशाही के चलते अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। हालांकि, हाल ही में उद्योग मंत्री राव नरवीर को इस समस्या से अवगत करवाया गया है और उन्होंने समाधान का आश्वासन भी दिया है। खानक क्षेत्र में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 30,000 लोगों को रोजगार मिला हुआ है। यदि रेट घटाया जाता है और उत्पादन बढ़ता है, तो यह आंकड़ा 50,000 तक पहुंच सकता है। हालिया नीलामियों से यह स्पष्ट है कि ऊंचे रेट के कारण बिक्री प्रभावित हो रही है। उदाहरण के तौर पर सात अप्रैल को 2.5 लाख मीट्रिक टन में से केवल 1.28 लाख मीट्रिक टन और 10 अप्रैल को 3 लाख मीट्रिक टन में से मात्र 1.20 लाख मीट्रिक टन ही बिक पाया। क्रेशर मालिकों ने एचएसआईआईडीसी से आग्रह किया है कि नीले पत्थर का बेस रेट घटाया जाए ताकि उत्पादन और बिक्री दोनों में वृद्धि हो, सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त हो और क्षेत्र में नए रोजगार के अवसर सृजित हो सकें।

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