घर में खुशहाली चाहिए? मान लीजिए वास्तु शास्त्र की ये 5 बातें…बदल जायेगी किस्मत!

घर सिर्फ ईंट-पत्थर से बना ढांचा नहीं है बल्कि उसमें ऊर्जा का प्रवाह भी होता है. वास्तु शास्त्र मानता है कि जिस तरह से हम अपना घर सजाते हैं किस दिशा में क्या रखते हैं उसका सीधा असर हमारे जीवन की खुशहाली धन और रिश्तों पर पड़ता है. अगर घर का वास्तु संतुलित हो तो सुख-समृद्धि अपने आप आकर्षित होती है. 5 जरूरी बातें ऐसी हैं जिनका ध्यान रखना हर गृहस्थ को चाहिए. वास्तु शास्त्र कहता है कि इन छोटे-छोटे बदलावों से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और जीवन में तरक्की के रास्ते खुलते हैं.
वास्तु शास्त्र कहता है कि घर का मुख्य द्वार ही ऊर्जा का प्रवेश द्वार है. इसे हमेशा साफ-सुथरा और रोशनी से जगमग रखना चाहिए. मुख्य दरवाज़े के सामने कूड़ा जूते-चप्पल या गंदगी रखने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है.
तुलसी और हरे पौधे
घर में तुलसी का पौधा उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना गया है. तुलसी न सिर्फ वातावरण को शुद्ध करती है बल्कि सकारात्मक ऊर्जा को भी बढ़ाती है. कांटेदार पौधे जैसे कैक्टस घर के भीतर रखने से बचें.
रसोई का स्थान
घर की रसोई आग्नि तत्व का प्रतीक है. इसे हमेशा दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए. गैस चूल्हे को ईशान कोण उत्तर-पूर्व में रखने से धन हानि और कलह की संभावना बढ़ती है.
आईना लगाने के नियम
वास्तु के अनुसार आईना कभी भी बिस्तर के ठीक सामने नहीं लगाना चाहिए. इससे नींद पर नकारात्मक असर पड़ता है और मानसिक तनाव बढ़ता है. आईना पूर्व या उत्तर दिशा की दीवार पर लगाना शुभ होता है.
जल का स्थान
पानी जीवन का प्रतीक है. घर में जल से जुड़ी चीज़ें जैसे मछलीघर या फव्वारा उत्तर-पूर्व दिशा में रखने चाहिए. इससे घर में धन और सौभाग्य बढ़ता है. दक्षिण दिशा में पानी से जुड़ी कोई भी चीज़ रखने से बचना चाहिए.