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पाइप में अटकी थी ऐसी चीज, फ्लश चलाते ही धमाके से फट गई टॉयलेट सीट… सामने खड़े लड़के का हो गया ऐसा हाल

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा से बेहद हैरान करने वाली घटना सामने आई है. यहां एक घर में वेस्टर्न टॉयलेट सीट जोरदार धमाके के साथ फट गई. धमाका इतना जोरदार था कि वहां खड़ा लड़का गंभीर रूप से घायल हो गया. उसका जिम्स अस्पताल में इलाज जारी है. घटना घटना बीटा दो कोतवाली क्षेत्र में हुई. घायल युवक के परिवार ने मीथेन गैस के विस्फोट से हादसा होने की आशंका जताई है.

जानकारी के मुताबिक, सेक्टर-36 में मकान नंबर सी-364 सुनील प्रधान का है. मकान के बाथरूम में वेस्टर्न टॉयलेट बना है. शनिवार दोपहर करीब तीन बजे उनका 20 वर्षीय बेटा आशू नागर बाथरूम गया. शौच करने के बाद पानी डालने के लिए जैसे ही उसने फ्लश चलाया, वेस्टर्न टॉयलेट सीट धमाके के साथ फट गई. इसके बाद वहां आग लग गई.

आग की चपेट में आने से आशू का चेहरा, हाथ, पैर और निजी अंग झुलस गए. धमाके की आवाज के साथ आशू की चीख सुनकर परिवार के अन्य सदस्य वहां पहुंचे. आनन-फानन में आशू को बाहर निकालकर जिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया. डाक्टरों का कहना है कि आशू को स्वस्थ्य होने में समय लगेगा.

आशू के पिता सुनील प्रधान ने टॉयलेट में मीथेन गैस एकत्रित होने से हादसा होने की आशंका जताई है. उनका कहना है कि वाशरूम और किचन के बीच शाफ्ट में एसी का एक्जास्ट लगा है. इसके पीछे ग्रीन बेल्ट है. उनका यह भी कहना है कि शौचालय का नियमित उपयोग किया जाता है. ऐसे में विस्फोट होने के कारणों की जांच होनी चाहिए.

मिथेन गैस अटकने की आशंका

इलाके के लोगों का कहना है कि ग्रेटर नोएडा में सीवर की हालत काफी खराब है. पहले सीवर में वेंट पाइप लगाए जाते थे, जिससे मिथेन गैस आसानी से बाहर निकल जाती थी. लेकिन अब ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. गैस पाइप के अंदर ही जमा होती रहती है और कभी भी धमाका कर सकती है. स्थानीय निवासियों ने बताया कि पी-3 गोलचक्कर के पास उद्यमन होटल के पास पिछले डेढ़ साल से सीवर लाइन टूटी हुई है. इसकी शिकायत कई बार अधिकारियों से की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि सीवर विभाग में ऐसे अधिकारी हैं जिन्हें तकनीकी जानकारी नहीं है.

इलाके में गुस्से का माहौल, जांच में

इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में डर और गुस्से का माहौल है. लोग कह रहे हैं कि अगर समय पर ध्यान दिया गया होता तो यह हादसा रोका जा सकता था. अब वे मांग कर रहे हैं कि पूरे क्षेत्र की सीवर व्यवस्था की जांच की जाए और जहां-जहां गैस जमा हो सकती है, वहां वेंटिलेशन की व्यवस्था की जाए.

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