किसानों की जमीन हड़पने की साजिश को नहीं देंगे कामयाब : मनदीप नथवान
सरकार व निजी कंपनियां मिलीभगत करके किसानों को करना चाहती है बर्बाद : कामरेड ओमप्रकाश

भिवानी, (ब्यूरो): खेतों में तेल पाइपलाइन बिछाए जाने को लेकर किसानों और प्रशासन के बीच चल रहा विवाद अब और गहराता जा रहा है। मंगलवार को भिवानी उपायुक्त महाबीर कौशिक और प्रभावित किसानों के बीच इस मुद्दे पर एक अहम बैठक बुलाई गई, लेकिन घंटों चली बातचीत के बावजूद कोई सहमति नहीं बन पाई तथा उपायुक्त ने स्पष्ट तौर पर किसानों को कहा कि किसानों को जितना मुआवजा मिला है, उससे ज्यादा एक पैसा नहीं मिलेगा तथा तेल पाईपलाईन बिछाने का कार्य भी जल्द शुरू करवाया जाएगा। जिसके बाद गुस्साएं किसानों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि वे अपने जमीन को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे, इसके लिए चाहे कितनी ही बड़ी कुर्बानी क्यो ना देनी पड़े। किसानों का नेतृत्व कर रहे पगड़ी संभाल जट्टा के प्रदेश अध्यक्ष मनदीप नथवान ने कहा कि तेल पाइपलाइन किसानों के उपजाऊ खेतों के बीच से गुजर रही है, जिससे उनकी फसलों को भारी नुकसान होगा। इसके अलावा मुआवजे की राशि को लेकर भी किसान नाराज हैं। किसानों की मांग है कि या तो पाइपलाइन का रूट बदला जाए या फिर उन्हें बाजार दर पर उचित मुआवजा दिया जाए। लेकिन प्रशासन किसानों को उचित मुआवजा दिए बगैर ही उनकी जमीन को हड़पने की साजिश सरकार द्वारा रची जा रही है। जिसके विरोध में गांव रूपगढ़ में किसान पिछले कई माह से धरनारत्त भी है। उन्होंने कहा कि किसान अपनी जमीन की कीमत जानते है और किसी भी हालत में नुकसान बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो हम उग्र आंदोलन करेंगे।
कामरेड ओमप्रकाश व भारतीय किसान यूनियन चंढूनी के जिला अध्यक्ष राकेश आर्य ने कहा कि किसानों के प्रति सरकार व प्रशासन की बेरूखी से गुस्साएं किसानों ने फैसला लिया है कि 28 अप्रैल को भिवानी विधायक का आवास घेराव किया जाएगा तथा उसकी रूपरेखा तैयार करने के लिए 25 अप्रैल को रूपगढ़ धरना पर किसानों की पंचायत भी आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार व निजी कंपनियां मिलीभगत करके उनकी ही जमीन से उन्हे बेदखल करना चाहती है, जिसे वे नही होने देंगे। इस अवसर पर रवि सरपंच रुपगढ, सतीश यादव, कमलजीत यादव, मनीष यादव, कैप्टन राजबीर यादव, जयपाल कोंट, संदीप यादव, विजय सिंह सैय, प्रवीण कोंट, सागर राठी झज्जर जिला प्रधान पंगड़ी संभाल जट्टा, रामेहर सिवाच, राजेन्द्र सिंह कोहला, कर्मबीर पहलवान मातनहेल सहित अनेक किसान मौजूद रहे।