सर्दियों में वायु प्रदूषण पर सख्ती: DPCC ने की विंटर एक्शन प्लान की समीक्षा, जनता से सहयोग की अपील

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने शनिवार को प्रेस ब्रीफिंग आयोजित की, जिसकी अध्यक्षता चेयरमैन संदीप कुमार और मेंबर सेक्रेटरी संदीप मिश्रा ने की. बैठक में दिल्ली की मौजूदा वायु गुणवत्ता और सर्दियों के मौसम में प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से की जा रही तैयारियों की जानकारी साझा की गई.
अधिकारियों ने नवंबर माह के पहले सप्ताह का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) डेटा प्रस्तुत किया. बताया गया कि इस साल के सात दिनों में से छह दिन, पिछले साल की तुलना में दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेहतर रही है. प्रमुख आंकड़े इस प्रकार हैं:
- 1 नवम्बर: AQI 303 (2025) बनाम 339 (2024)
- 3 नवम्बर: AQI 309 (2025) बनाम 382 (2024)
- 4 नवम्बर: AQI 291 (2025) बनाम 381 (2024)
- 5 नवम्बर: AQI 202 (2025) बनाम 373 (2024)
- 6 नवम्बर: AQI 311 (2025) बनाम 352 (2024)
- 7 नवम्बर: AQI 322 (2025) बनाम 377 (2024)
अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष जहां GRAP-III (Graded Response Action Plan) के तहत सख्त कदम 13 नवम्बर से शुरू हुए थे, वहीं इस वर्ष प्रदूषण नियंत्रण के लिए कदम पहले से ही सक्रिय कर दिए गए हैं.
विभिन्न विभागों को दिए गए निर्देश
डीपीसीसी ने सभी संबंधित सरकारी विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं, जिनमें प्रमुख बिंदु शामिल हैं:
- म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट और मलबे का नियमित और समुचित निस्तारण.
- मशीनों से सड़कों की सफाई और पानी का नियमित छिड़काव करना ताकि धूल कम हो.
- परिवहन विभाग द्वारा वाहनों की जाँच और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कार्रवाई.
- सभी विभागों द्वारा समय-समय पर प्रदूषण नियंत्रण के कार्यों की समीक्षा और परिणामों की डेली रिपोर्टिंग.
जनता से की अपील
- डीपीसीसी ने दिल्लीवासियों से सहयोग की अपील की है. नागरिकों से कहा गया है कि वे निम्नलिखित बातों का पालन करें:
- बायोमास (जैविक पदार्थ) या कचरा जलाने से बचें, खासकर सर्दी बढ़ने के दौरान.
- सिक्योरिटी गार्ड्स द्वारा कोयला या लकड़ी जलाने के बजाय इलेक्ट्रिक हीटर का इस्तेमाल, विशेषकर बड़े सोसाइटी परिसरों में.
- जिन इमारतों का निर्माण चल रहा है (5 मंज़िल से अधिक), वहां एंटी-स्मॉग गन लगाना और उसकी नियमित मॉनिटरिंग करना ज़रूरी है. यह व्यवस्था को 24 नवम्बर तक पूरी तरह से लागू करने के आदेश दिए गए हैं.
- CAQM (Commission for Air Quality Management) के दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्यालयों के समय को क्रमबद्ध (staggered timings) रखना जारी रखें ताकि ट्रैफिक और उससे जुड़ा प्रदूषण कम हो.
- केवल स्वीकृत ईंधन का प्रयोग करें, अपने वाहनों का नियमित रखरखाव करें और इंजन व टायरों की स्थिति अच्छी रखें.
- सार्वजनिक परिवहन और इलेक्ट्रिक वाहनों का अधिक से अधिक उपयोग करें.
शिकायत और नागरिक फीडबैक
दिल्लीवासियों को बताया गया कि वे प्रदूषण से जुड़ी शिकायतें दर्ज कराने के लिए आधिकारिक मोबाइल ऐप्स का उपयोग करें:
Green Delhi App और 311 App के माध्यम से प्रदूषण से संबंधित घटनाएं रिपोर्ट की जा सकती हैं. शिकायतें संबंधित विभागों को तुरंत कार्रवाई के लिए भेजी जाती हैं.
GRAP की स्थिति
डीपीसीसी ने बताया कि पिछले साल GRAP (Graded Response Action Plan) Stage 3 की कार्रवाई 13 नवम्बर से शुरू की गई थी, जबकि इस साल प्रदूषण की स्थिति पर बारीकी से निगरानी रखी जा रही है. ज़रूरत पड़ने पर सख्त कदम उठाए जाएंगे, जिनमें कुछ प्रदूषणकारी गतिविधियों पर रोक भी शामिल हो सकती है.
मॉनिटरिंग और पारदर्शिता
- डीपीसीसी के 24 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगातार डेटा रिकॉर्ड कर रहे हैं. इन सभी आंकड़ों को समिति की वेबसाइट पर सार्वजनिक किया जाता है.
- इसके बाद CPCB (Central Pollution Control Board) द्वारा एआईक्यूआई (AQI) की गणना और आधिकारिक रूप से जारी की जाती है.
- कुछ स्थानों पर अल्पकालिक तकनीकी रुकावटें दर्ज की गईं, लेकिन लगभग 99% स्टेशनों से लगातार डेटा प्राप्त हुआ है.
संस्थागत और राजनीतिक प्रतिक्रिया
- अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली सरकार की सभी पहलें पारदर्शी, डेटा-आधारित और नियमित रूप से समीक्षा की जा रही हैं.
- सड़क सफाई और पानी के छिड़काव जैसे कदम अब पहले से अधिक व्यापक रूप से किए जा रहे हैं.
- समिति ने कहा कि रचनात्मक आलोचना का स्वागत है, लेकिन दिल्ली की स्वच्छ हवा के लिए सभी पक्षों—सरकार, संस्थान और नागरिकों—को मिलकर काम करना होगा.
- प्रदूषण डेटा में हेरफेर के आरोपों को पूरी तरह खारिज किया गया और स्पष्ट किया गया कि सभी रिकॉर्ड पूरी तरह पारदर्शी हैं.




