हरियाणा

भिवानी में कांग्रेस जिलाध्यक्ष के लिए 13 नाम फाइनल, 3 ओबीसी- 6 जनरल , एक महिला व दो अनुसूचित जाति वर्ग शामिल

15 जुलाई तक शहरी व ग्रामीण प्रधान के नाम घोषित कर दिए जाएंगे

पवन शर्मा
भिवानी, (ब्यूरो): भिवानी में ग्रामीण व शहरी कांग्रेस जिलाध्यक्ष के लिए भागदौड़ अब अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। जिलाध्यक्ष चुनाव के लिए एआईसीसी की तरफ से बनाए गए पर्यवेक्षक मनोज चौहान की तरफ से 13 लोगों के नाम फाइनल करके भेजे जा चुके है। अब देखना यह होगा कि उन 13 लोगों में से शहरी व ग्रामीण प्रधान पद पर किसके दो नाम की घोषणा होती है। कांग्रेस की तरफ से जिला स्तर पर संगठन को मजबूत करने के लिए ग्रामीण व शहरी जिलाध्यक्षों का चुनाव किया जाना है। इसके लिए एआईसीसी की तरफ से भिवानी के लिए मनोह चौहान को पर्यवेक्षक के तौर पर लगाया गया, जिनके साथ 3 अन्य आब्जर्वर लगाए गए। पर्यवेक्षक की तरफ से पूरी जांच पड़ताल करने के बाद 13 नाम एआईसीसी को भेजे गए हैं, जिनमें से दो को ग्रामीण व शहरी जिलाध्यक्ष बनाया जाएगा। ग्रामीण व शहरी जिलाध्यक्ष पद के लिए 120 कार्यकर्ताओं ने पर्यवेक्षक मनोज चौहान के पास आवेदन किया था। जबकि कुछ नामों को छंटनी के दौरान काटा भी गया था। सभी आवेदनों को लेकर बारीकी से जांच की गई और कार्यकर्ताओं से भी आवेदनों को लेकर चर्चा हुई। फीडबैक लेने के बाद पर्यवेक्षक की तरफ से 13 नाम फाइनल कर भेजे गए हैं। 8 नामों में 3 ओबीसी, 5 जनरल व एक शामिल है। शहरी प्रधान के लिए ओबीसी में प्रदीप गुलिया, धीरज अखरिया व सुरेश प्रजापति के नाम शामिल हैं। जबकि सामान्य में कांग्रेस नेता देवराज महता, पूर्व विधायक डा.शिवशंकर भारद्वाज व युवा कांग्रेस की पूर्व ब्लाक प्रधान डा.स्वाति भारद्वाज शामिल हैं। प्रदीप गुलिया पिछड़ा वर्ग जोगी समाज से आते हैं। वे युवा कांग्रेस के जिला प्रधान भी रहे हैं। इसके अलावा सांसद दीपेन्द्र सिंह हुड्डा की गुड बुक में शामिल हैं। वे कांग्रेस के सक्रिय चेहरे हैं। इसके अलावा धीरज अखरिया भी कांग्रेस के पुराने कार्यकत्र्ता हैं और पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों में बढ़चढक़र भाग लेते हैं। वे कांग्रेस के प्रदेश महासचिव रहे संदीप तंवर के नजदीकी हैं। पूर्व विधायक डा.शिवशंकर भारद्वाज एक अनुभवी व सुलझे हुए नेता हैं। अपने मिलनसार व्यवहार के चलते वे क्षेत्र में अपनी विशेष पकड़ रखते हैं। उनकी पुत्रवधू डा.स्वाति भारद्वाज भी शहरी प्रधान के लिए एक मजबूत दावेदार हैं। वे पूर्व में युवा कांग्रेस की ब्लाक प्रधान भी रही हैं। अगर महिला की इस पद पर नियुक्ति की जाती हैं तो वे एक मजबूत दावेदार रहेंगी।
ग्रामीण प्रधान के लिए एआईसीसी की तरफ से जो छह नाम भेजे गए हैं। उनमें अनिरूद्ध चौधरी, कमल प्रधान , बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान सत्यजीत पिलानिया, विक्रमजीत , पूर्व जिला पार्षद बृजपाल पप्पू व अनुसूचित जाति से शिवकुमार चांग शामिल हैं। अनिरूद्ध चौधरी पूर्व विधायक रणबीर सिंह महेन्द्रा के पुत्र व पूर्व मुख्यमंत्री स्व.बंसीलाल के पौत्र हैं। वे तोशाम से विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। चौधरी बंसीलाल के समर्थकों में उत्साह लाने व भिवानी में राजनीति के समीकरणों को साधने के लिए अनिरूद्ध चौधरी की इस पद पर मजबूत दावेदारी देखी जा रही है। वे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के करीबी हैं। इस पद पर दूसरे दावेदार कमल प्रधान बताए जा रहे हैं। ये भी तोशाम क्षेत्र से आते हैं और इनके पिता चौधरी जंगबीर सिंह भिवानी से सांसद रहे हैं। युवा कल्याण संगठन के माध्यम से कमल सिंह प्रधान भी क्षेत्र में अच्छे खासे सक्रिय रहते हैं। क्षेत्र के लोगों में इनकी विशेष पकड़ है। तीसरे मजबूत दावेदार बृजपाल पप्पू हैं जोकि ठाकुर बिरादरी से हैं और पूर्व में जिला पार्षद भी रहे हैं। इनकी मजबूत पैरवी लोहारू से विधायक राजबीर फरटिया कर रहे हैं, ऐसा सूत्र बता रहे हैं। बृजपाल पप्पू हुड्डा परिवार के भी नजदीकी रहे हैं। जिला परिषद चेयरमैन के चुनाव में इनेलो छोडक़र कांग्रेस कैंप में आने वालों में बृजपाल पप्पू भी शामिल थे। सत्यजीत पिलानिया पेशे से अधिवक्ता हैं और लगातार चार बार जिला बार एसोसिएशन के प्रधान रह चुके हैं। गत लोकसभा व विधानसभा चुनाव में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई थी। यहां उल्लेखनीय होगा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 30 जून तक हरियाणा के संगठन में नियुक्तियां करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद संगठन सृजन अभियान के तहत जिला भिवानी का कांग्रेस संगठन बनाने के लिए 1 जून को राष्ट्रीय सचिव एवं एआईसीसी पर्यवेक्षक मनोज चौहान अपने तीन अन्य सहयोगियों के साथ भिवानी पहुंचे थे। तीन दिवसीय इस प्रवास के दौरान उन्होंने जिले के चार विधानसभा क्षेत्र भिवानी, बवानीखेड़ा, तोशाम व लोहारू में कार्यकत्र्ताओं की बैठकें आयोजित कर उनसे फीडबैक लिया था। 18 जून को अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के नेताओं व कार्यकत्र्ताओं से मुलाकात कर उनके विचार लिए थे। बताया जा रहा है कि 15 जुलाई तक शहरी व ग्रामीण प्रधान के नाम घोषित कर दिए जाएंगे।

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