Worldअन्तर्राष्ट्रीयदिल्लीधर्म/अध्यात्म

श्री सिद्धेश्वर तीर्थ ब्रह्मऋषि आश्रम तिरुपति में दो ऐतिहासिक दिवस : लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला और मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीन रामगूलम ने लिया गुरुदेव का आशीर्वाद

श्री सिद्धेश्वर तीर्थ ब्रह्मऋषि आश्रम तिरुपति ने की घोषणा: मॉरीशस में नि:शुल्क शिक्षा, आधुनिक अस्पताल सुविधाएँ और जनकल्याणकारी योजनाओं की करेगा शुरुआत

 

नई दिल्ली,(ब्यूरो): श्री सिद्धेश्वर तीर्थ ब्रह्मऋषि आश्रम तिरुपति ने हाल ही में एक ऐसा इतिहास रचा, जिसने अध्यात्म और राजनीति के पथ को एक सूत्र में बाँध दिया। लगातार दो दिन यहाँ देश और विदेश की दो महान हस्तियाँ पहुँचीं और पूज्य सिद्धगुरुवार सिद्धेश्वर ब्रह्मऋषि गुरुदेव के चरणों में नमन कर दिव्य आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर तीर्थ का वातावरण न केवल श्रद्धा और भक्ति से परिपूर्ण रहा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की आध्यात्मिक शक्ति का संदेश भी पहुँचा।
भारत दौरे पर आए मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीन रामगूलम अपनी धर्मपत्नी वीना रामगूलम के साथ तिरुपति के श्री सिद्धेश्वर तीर्थ ब्रह्मऋषि आश्रम भी पहुंचे।
उनके तीर्थ में पहुंचने पर पारंपरिक रीति-रिवाज और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उनका स्वागत किया गया। आश्रम की ओर से ग्लोबल महिला चेयरपर्सन श्रीमती सरला बोथरा और अध्यक्ष रमेश सांखला (श्री सिद्धेश्वर तीर्थ ब्रह्मऋषि आश्रम तिरुपति) ने उन्हें सादर अभिनंदन किया।
प्रधानमंत्री डॉ. रामगूलम ने भावुक स्वर में कहा कि भारत हमारी आत्मा में बसता है। आज गुरुदेव के चरणों में आकर मैंने न केवल व्यक्तिगत शांति पाई, बल्कि अपने राष्ट्र के लिए भी दिव्य मार्गदर्शन प्राप्त किया है। यह क्षण मेरे जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है। उन्होंने आगे कहा कि गुरुदेव के आशीर्वाद से भारत और मॉरीशस के रिश्ते और अधिक गहरे होंगे।
गुरुदेव ने अपने आशीर्वचन में प्रधानमंत्री की निष्ठा और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि डॉ. नवीन रामगूलम अपने देश को नई ऊँचाइयों तक ले जाएंगे। उनके नेतृत्व में मॉरीशस में आर्थिक प्रगति, सामाजिक सद्भाव और अंतरराष्ट्रीय पहचान मजबूत होगी।
इस अवसर पर गुरुदेव ने मॉरीशस के लिए एक ऐतिहासिक घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि श्री सिद्धेश्वर तीर्थ ब्रह्मऋषि आश्रम मॉरीशस में नि:शुल्क शिक्षा, आधुनिक अस्पताल सुविधाएँ और जनकल्याणकारी योजनाएँ शुरू करेगा।
गुरुदेव ने प्रधानमंत्री दंपति की सादगी और विनम्रता की प्रशंसा करते हुए उन्हें मॉरीशस का राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया और महात्मा गांधी से उनकी तुलना की।
प्रधानमंत्री रामगूलम ने इस अवसर पर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि पिछले वर्ष मैंने संसद सत्र के दौरान संकल्प लिया था कि मैं भारत आऊँगा और गुरुदेव से मिलूँगा। आज यहाँ आकर मुझे लगता है कि वह सपना पूरा हुआ। गुरुदेव स्वामी ने पहले ही भविष्यवाणी की थी कि मैं चुनाव जीतूँगा, और ईश्वर ने वैसा ही किया। उनके जैसा व्यक्तित्व मैंने कभी नहीं देखा।
इस से पूर्व एक दिन भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था की सर्वोच्च संस्था लोकसभा के अध्यक्ष श्री ओम बिरला श्री सिद्धेश्वर तीर्थ ब्रह्मऋषि आश्रम पहुँचे। आश्रम में प्रवेश करते ही भक्तों ने उनका स्वागत किया। भावविभोर ओम बिरला ने गुरुदेव के चरणों में नमन किया और संक्षिप्त पूजा-अर्चना में भाग लिया।
गुरुदेव से आशीर्वाद प्राप्त करने के पश्चात बिरला ने कहा कि जब हम आध्यात्मिक मूल्यों से प्रेरणा लेते हैं, तभी हम सच्चे अर्थों में जनता की सेवा कर सकते हैं। आज गुरुदेव के चरणों में आकर यह अनुभव हुआ कि राजनीति और अध्यात्म का संगम ही राष्ट्र को सुदृढ़ और समृद्ध बनाता है।
दोनों दिनों श्री सिद्धेश्वर तीर्थ ब्रह्मऋषि आश्रम परिसर में हजारों भक्त और गणमान्य उपस्थित रहे। वेद मंत्रोच्चार, भजन-कीर्तन और विशेष पूजा-अर्चना से पूरा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण हो गया। भक्तों ने कहा कि यह केवल धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि राष्ट्र और विश्व को दिशा देने वाला ऐतिहासिक क्षण था।
लगातार दो दिनों तक हुए इन आयोजनों ने यह संदेश दिया कि राजनीति और अध्यात्म का संगम केवल राष्ट्र के लिए नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए कल्याणकारी है। लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला और मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीन रामगूलम का आश्रम आगमन न केवल व्यक्तिगत भेंट थी, बल्कि ऐसे ऐतिहासिक क्षण हैं जिन्होंने भारत की आध्यात्मिक परंपरा को और विराट बना दिया।

Related Articles

Back to top button