Lok Sabha चुनाव के लिए SP की योजना: Noida में लगेगी Mulayam Singh की मूर्ति, Akhilesh Yadav ने मूर्तिकार राम सुतार से ली विशेषज्ञता
Lok Sabha चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी नेताजी का कद और बड़ा करने की तैयारी में है। इसी कड़ी में पार्टी ने संस्थापक Mulayam Singh Yadav की आदमकद प्रतिमा तैयार कराने की योजना तैयार की है। सोमवार को Noida पहुंचे SP प्रमुख Akhilesh Yadav ने पद्मभूषण मूर्तिकार Ramsutar से मुलाकात कर प्रतिमा बनाने की अपील की।
Akhilesh ने Ramsutar को सैफई आने के लिए आमंत्रित किया है। सोमवार को Greater Noida के एक कार्यक्रम के बाद Akhilesh Yadav गोपनीय तरीके से नोएडा पहुंचे। Noida में उनका कोई कार्यक्रम तय नहीं था। वह मशहूर मूर्तिकार Ramsutar से मिलने पहुंचे। मौके पर नेताजी की प्रतिमा बनाने के लेकर दोनों में बातचीत हुई।
उन्होंने Ramsutar का स्टूडियो भी देखा। हालांकि प्रतिमा कितनी बड़ी इसका फैसला Ramsutar के सैफई जाने के बाद ही होगा। बताया जा रहा है कि मामले में पार्टी की ओर से एक से अधिक प्रतिमा बनाने का ऑर्डर दिए जा सकते हैं। हालांकि नेताजी की पहली प्रतिमा सैफई में स्थापित किए जाने की बात कही जा रही है।
इससे पहले मूर्तिकार Ramsutar ने Mahatma Gandhi की कई प्रतिमाओं के अलावा विश्व की सबसे ऊंची Sardar Vallabhbhai Patel की प्रतिमा, Chambal Devi की मूर्ति समेत अनगिनत प्रतिमाएं तैयार की हैं। उनको Padma Bhushan पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। वह 95 वर्ष के हैं।
Lok Sabha चुनाव की तैयारी में जुटी पार्टी
दरअसल, Lok Sabha का चुनाव करीब आते ही सभी पार्टियां अपने-अपने अंदाज में लोगों तक पहुंच बनाने की कोशिश में जुटी हुई हैं। Congress UP जोड़ो यात्रा के माध्यम से और BJP विकसित भारत संकल्प यात्रा के माध्यम से चुनावी दंगल में कूद चुकी है। ऐसे में समाजवादी पार्टी भी जल्द ही अपने पत्ते खोलेगी।
पिछले कुछ चुनाव परिणामों को ध्यान में रखते हुए SP इस बार फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। इंडिया गठबंधन के साथ ताल में ताल मिल रही SP को UP में ज्यादा सीटें मिलने का भरोसा है। ऐसे में Mulayam Singh के कद के सहारे पार्टी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने का प्रयास करेगी।
अति पिछड़ों व वंचितों के बीच था मजबूत जनाधार
1996 में Mulayam Singh Yadav 11वीं Lok Sabha के लिए Mainpuri Lok Sabha क्षेत्र से चुने गए थे। संयुक्त मोर्चा की सरकार में देश के रक्षामंत्री बने थे। इससे पहले वह UP के मुख्यमंत्री भी रह चुके थे।
उनके बारे में कहा जाता था कि Uttar Pradesh की किसी भी जनसभा में कम से कम पचास लोगों को नाम लेकर मंच पर बुला सकते थे। अति पिछड़ों और वंचितों के बीच नेताजी का मजबूत जनाधार था। जिस तक पार्टी पहुंचने का प्रयास करेगी।