अमरिंदर के आरोप पर सिद्धू की पत्नी का जवाब, उठाया फाइलें रोकने का सवाल

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता अमरिंदर सिंह के सिद्धू को लेकर दिए बयान पर नवजोत कौर ने पलटवार किया है. नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी ने शुक्रवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह से सवाल किया कि वह जब कैबिनेट मंत्री थे तब उन्होंने उनकी फाइलों को क्यों रोका. नवजोत कौर सिद्धू ने एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह, मैं बस इतना कहना चाहती थी कि आपने नवजोत सिद्धू की उन फाइलों को क्यों नहीं निपटाया जो पंजाब के विकास के लिए महत्वपूर्ण थीं?
नवजोत कौर ने कहा कि इनमें खनन नीति, शराब नीति, यात्रा और चिकित्सा पर्यटन, अमृतसर गोंडोला परियोजना, कचरा निपटान परियोजना, राष्ट्रीय स्थलों पर निविदाएं लगाकर स्थानीय निकायों में भ्रष्टाचार, फिल्म सिटी परियोजनाएं, जल क्रीड़ा परियोजनाएं, रणजीत एवेन्यू में खेल पार्क, पंजाब के लिए पाक कला विश्वविद्यालय, जैसी फाइलें शामिल थीं?
नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी अस्थिर
दरअसल नवजोत कौर सिद्धू के इस बयान पर कि पंजाब में 500 करोड़ रुपए का सूटकेस देने वाला मुख्यमंत्री बनता है, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी को अस्थिर बताया और सिद्धू को राजनीति छोड़कर क्रिकेट कमेंट्री पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी. सिंह ने कहा कि बीजेपी पंजाब में तभी मजबूत हो सकती है जब वह शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के साथ हाथ मिलाए. उन्होंने दावा किया कि दोनों दल अंततः एक साथ आएंगे, क्योंकि पंजाब में गठबंधन के बिना कोई सरकार नहीं बन सकती.
सबसे खराब दौर से गुजर रहा पंजाब
वर्तमान आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पंजाब आतंकवाद के वर्षों के बाद सबसे खराब दौर से गुजर रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर तंज कसते हुए कहा कि वह केवल टीवी पर आते हैं और चुटकुले सुनाते हैं. सिंह ने आरोप लगाया कि मुफ्त की योजनाओं के कारण पंजाब भिखारी राज्य बन गया है.
उन्होंने यह भी दावा किया कि सीएम मान केवल नाममात्र के मुखिया हैं, जबकि पंजाब के असली फैसले अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ले रहे हैं. सिंह ने लोगों से स्थिरता के लिए भाजपा पर विचार करने का आग्रह किया, क्योंकि भारत की सुरक्षा पंजाब के हितों से जुड़ी हुई है.
दिल्ली से होते हैं सभी फैसले: अमरिंदर सिंह
अमरिंदर सिंह ने बीजेपी के कामकाज की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस के विपरीत, पार्टी उनसे परामर्श नहीं कर रही है. हालांकि, उन्होंने कांग्रेस में लौटने की संभावना को पूरी तरह खारिज किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस छोड़ने के बाद उन्हें जिस तरह से मुख्यमंत्री पद से हटाया गया था, उससे वह अब भी आहत हैं, इसलिए कांग्रेस में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता.
जमीनी नेताओं से परामर्श नहीं किया जाता
उन्होंने कहा कि बीजेपी में सभी निर्णय दिल्ली में लिए जाते हैं और जमीनी नेताओं से परामर्श नहीं किया जाता. उन्होंने कहा कि मेरे पास 60 साल का राजनीतिक अनुभव है, लेकिन मैं खुद को उन पर थोप नहीं सकता. हालांकि, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि मोदी का पंजाब के लिए विशेष स्नेह है और वह राज्य के लिए कुछ भी करेंगे.




