हरियाणा

यूपीएस कर्मचारियों से पहले सांसद, विधायकों पर हो लागू : शास्त्री

पीबीएसएस एक अगस्त को जिला स्तर पर करेगा विरोध

भिवानी, (ब्यूरो): पेंशन बहाली संघर्ष समिति के आई टी सैल प्रमुख शिवकुमार शास्त्री ने कहा कि बीते दिनों कैबिनेट में यूपीएस को हरियाणा में भी लागू करने का फैसला हुआ है जिसका पीबीएसएस खुलकर एतराज जता रहा है। उन्होंने बताया कि यदि यूपीएस इतनी ही अच्छी स्कीम है तो नैतिकता दिखाते हुए सरकार पहले तो अपने सांसद विधायकों पर लागू करे यदि उनको रास आती है तो फिर कर्मचारियों को भी विकल्प दिया जा सकता है। और यदि कर्मचारियों को ओपीएस देने में वित्तीय दिक्कत आती हुई दिखती है तो तुरंत प्रभाव से सांसद विधायकों के लिए भी ताउम्र एक ही पेंशन निर्धारित की जाए जबकि वर्तमान में ये लोग कई कई पेंशन ले रहे हैं। माइनस डिग्री में देश की सेवा करने वाले अर्धसैनिक बलों के जवानों को ओपीएस नहीं है और सांसद विधायकों को चार चार पेंशन, ये कैसी नैतिकता है ? देश जानना चाहता है। सरकार से हमारी विनम्र प्रार्थना है कर्मचारियों की ओपीएस बहाल करे न कि यूपीएस या एनपीएस। और यदि यूपीएस ही बेहतर है तो तीनों विकल्प दे दे जिसको जो अच्छा लगेगा ले लेंगे। गौरतलब है विजेंद्र धारीवाल के नेतृत्व में पीबीएसएस के बैनर तले पूरे प्रदेश के कर्मचारी लंबे समय से पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्ष कर रहे हैं लेकिन सरकार कर्मचारियों के साथ बर्बरता करती आ रही और जब पूरे देश में विजय बंधु के नेतृत्व में एनपीएस का विरोध हुआ तो केंद्र सरकार एनपीएस से भी भयंकर यूपीएस नामक एक नयी स्कीम ले आई जिसको अब हरियाणा में भी लागू किया जा रहा है जबकि कर्मचारी एनपीएस में ही रहते हुए ओपीएस के लिए संघर्ष करना चाहते हैं। केंद्रीय कर्मचारियों की तरफ से भी यूपीएस को कुछ खास समर्थन नहीं मिला। पीबीएसएस ने सरकार को चेताया कि या तो उनकी पुरानी पेंशन बहाल की जाए वरना कर्मचारी एक अगस्त को जिला स्तर पर यूपीएस का विरोध करने पर मजबूर होंगे और उसके बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

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