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सहारा प्रमुख सुब्रत राय का निधन, 75 साल की उम्र में मुंबई में ली अंतिम सांस

बिहार के अररिया जिले से 1978 में गोरखपुर आकर 2000 रुपये से बिस्किट और नमकीन बेचने का काम करने वाले सुब्रत रॉय ने कंपनी को 2 लाख करोड़ रुपये तक का स्वप्निल सफर कराया

राष्ट्रीय न्यूज़ डेस्क। नई दिल्ली। एजेन्सी। सहारा इंडिया परिवार के संस्थापक सुब्रत रॉय का 75 वर्ष उम्र में मुंबई में निधन हो गया। उन्होंने 14 नवंबर की रात 10.30 बजे अंतिम सांस ली। बिहार के अररिया जिले से 1978 में गोरखपुर आकर 2000 रुपये से बिस्किट और नमकीन बेचने का काम करने वाले सुब्रत रॉय ने कंपनी को 2 लाख करोड़ रुपये तक का स्वप्निल सफर कराया। उन्होंने सहारा को रेलवे के बाद सबसे ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनी बना दिया था। मगर, एक गलती के चलते उन्हें जेल जाना पड़ा और उन्होंने कंपनी को अपने सामने ही गर्त में जाते हुए भी देखा। अगर आपने भी सहारा की किसी स्कीम में पैसा लगाया हुआ था तो जानिए कैसे आप घर बैठे अपने पैसे को वापस हासिल कर सकते हैं।

कैसे फंस गए थे सुब्रत रॉय 

सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ने 2008 से 2011 के बीच ओएफसीडी के जरिए तीन करोड़ से अधिक निवेशकों से 17,400 करोड़ रुपये जुटाए थे। सितंबर, 2009 में सहारा प्राइम सिटी ने आईपीओ लाने के लिए सेबी के समक्ष दस्तावेज पेश किए। इनमें गड़बड़ी की आशंका और एक निवेशक की शिकायत चलते सेबी ने अगस्त, 2010 में दोनों कंपनियों की जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद करीब तीन करोड़ निवेशकों का पैसा कंपनी में फंस गया था।

सहारा रिफंड पोर्टल की लें मदद 

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जुलाई में सीआरसीएल-सहारा रिफंड पोर्टल लांच किया था। 22 मार्च, 2022 से पहले सहारा में इनवेस्ट करने वाले लोग इस पोर्टल के जरिए रिफंड पा सकते हैं। पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के साथ ही जरूरी है कि आपका मोबाइल फोन आधार से लिंक हो। इसके अलावा आधार नंबर भी बैंक अकाउंट से लिंक होना चाहिए। इसके बाद पोर्टल पर जाकर अपनी रसीद अपलोड करके रिफंड पा सकते हैं।

रिफंड के लिए ये कागज होने चाहिए 

इस पोर्टल से रिफंड पाने के लिए आपको सहारा में निवेश की सदस्यता संख्या, जमा खाता संख्या, आधार लिंक मोबाइल नंबर, पासबुक, पैनकार्ड (अगर राशि 50 हजार से अधिक है) उपलब्ध करने होंगे। इन डॉक्यूमेंट की जांच के बाद 45 दिनों के अंदर आपके अकाउंट में पैसे आ जाएंगे. इस पोर्टल के जरिए करीब 2.5 करोड़ लोगों को लाभ होगा।

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