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रोहतक के लाल योगेश ने किया कमाल, पैरालंपिक में जीता लगातार दूसरी बार सिल्वर मेडल

बहादुरगढ़: हरियाणा के लाल योगेश कथूनिया ने पेरिस पैरा ओलंपिक खेलों में सिल्वर मेडल हासिल कर देश का नाम रोशन किया है। योगेश की जीत से बहादुरगढ़ में खुशी का माहौल है। योगेश के घर पर ढोल नगाड़े बजाए जा रहे हैं और परिजन खुशी से झूम रहे हैं। योगेश कथूनिया ने पैरा ओलंपिक खेलों के डिस्कस थ्रो इवेंट में लगातार दूसरी बार सिल्वर पदक हासिल किया है। इससे पहले योगेश ने टोक्यो पैरा ओलंपिक गेम्स में भी सिल्वर पदक हासिल किया था। आज योगेश ने 42.22 मीटर दूरी के साथ सिल्वर मेडल हासिल किया है। योगेश के परिजनों का कहना है कि वह पैरा ओलंपिक गेम्स में जाने से पहले अपने पदक का रंग बदलने का वादा करके गया था। लेकिन अब योगेश ने सिल्वर मेडल जीता है। इस पर भी परिजनों को बेहद खुशी है।

हम आपको बता दें कि योगेश को 2006 में पैरालिसिस हो गया था। इसके बाद घर वालों ने योगेश के वापस उठ खड़े होने की उम्मीद छोड़ दी थी। मगर योगेश ने हिम्मत नहीं हारी और व्हीलचेयर पर रहते हुए भी पूरे हौसले के साथ 2016 में  खेलना शुरू किया। इसी का नतीजा है कि योगेश कथूनिया ने लगातार दूसरी बार पैरा ओलंपिक खेलों में सिल्वर मेडल हासिल किया है। योगेश के दादा और पिता सेना में रहकर देश सेवा कर चुके हैं और योगेश पदक पर पदक जीतकर देश का नाम विदेश में रोशन कर रहा है ।

योगेश की माता मीना देवी का कहना है कि योगेश ने अपने सिल्वर मेडल का रंग बदलने का वायदा किया था लेकिन उनका बेटा व्हीलचेयर पर बैठकर भी सिल्वर मेडल हासिल कर रहा है। इससे भी उन्हें संतोष है। मीना देवी को उम्मीद है कि उनका बेटा एक दिन पैरा ओलंपिक गेम्स में जरूर स्वर्ण पदक हासिल करेगा। पिता कैप्टन ज्ञानचंद को भी अपने बेटे पर फक्र है।

योगेश की बहन पूजा का कहना है कि योगेश बहुत मेहनती है और सीधे -साधे स्वभाव का है। वह सरल तरीके से अपना जीवन व्यतीत कर रहा है और खेलों में उसे हिस्सा लेना बेहद पसंद है। प्रक्टिस के चलते योगेश एक डेढ़ साल से घर नहीं आया है। बहन पूजा का कहना है कि जब उसका भाई वापस घर लौटेगा तो उसका जोरदार स्वागत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 9 सितंबर को योगेश दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचेगी जहां से उसका स्वागत शुरू होगा और बहादुरगढ़ में भी परिजन योगेश का एक रोड शो निकलेंगे।

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