दिल्ली की नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी का रोडमैप तैयार, 30 जुलाई तक आम जनता दे सकती है सुझाव

दिल्ली सरकार ने नई औद्योगिक नीति 2025-35 का मसौदा तैयार किया है, जिसका लक्ष्य दिल्ली को वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में स्थापित करना है. इस नीति के तहत जनता और कारोबारियों से 30 जुलाई तक सुझाव मांगे गए हैं. मसौदा उद्योग विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है.
इस नीति का मुख्य उद्देश्य दिल्ली को बैंकिंग, गेमिंग, एनीमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे उभरते क्षेत्रों में वैश्विक केंद्र बनाना है. यह नीति प्रदूषण-मुक्त और भविष्य के लिए तैयार उद्योगों को बढ़ावा देगी, साथ ही सीमित भूमि और पर्यावरण के संतुलित उपयोग को सुनिश्चित करेगी. कुशल जनशक्ति और संसाधनों का उपयोग कर दिल्ली को निवेश के लिए आकर्षक बनाया जाएगा.
आर्थिक सहायता और प्रोत्साहन
निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए कई रियायतें दी जाएंगी. पहले पांच वर्षों में पूंजी निवेश पर 50% की वापसी अधिकतम 50 करोड़ रुपये, 400 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड, 6% ब्याज सब्सिडी, और राज्य जीएसटी की 100% वापसी शामिल है. इसके अलावा, पेटेंट फाइलिंग पर 5 लाख रुपये तक की लागत वापसी और बिजली खरीद पर ट्रांसमिशन व व्हीलिंग शुल्क में 50% छूट दी जाएगी.
रिसर्च एंड डेबलपमेंट
नई नीति में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों और रिसर्च संस्थानों के साथ साझेदारी की जाएगी. इसके लिए एक R&D पोर्टल और 10 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध होगी. निवेशकों की सुविधा के लिए ‘निवेशक सुविधा केंद्र’ स्थापित किया जाएगा, जो त्वरित मंजूरी और सभी विभागों के बीच समन्वय सुनिश्चित करेगा. साथ ही, व्यापार विशेषज्ञों से मार्गदर्शन और सहायता प्रदान की जाएगी.
बुनियादी ढांचा और स्किल डेवलपमेंट
बापरोला, रानीखेड़ा और कंझावला में PPP मॉडल पर IT पार्क विकसित किए जाएंगे. सेंट्रल दिल्ली के बाहर सस्ते औद्योगिक ज़ोन बनाए जाएंगे. AI आधारित प्रशिक्षण प्रणाली और गिग वर्करों के लिए सरकारी प्रशिक्षण केंद्र स्थापित होंगे, जो लॉजिस्टिक्स, हॉस्पिटैलिटी, सुरक्षा और निर्माण क्षेत्रों में प्रमाणन प्रदान करेंगे.
MICE पर्यटन को बढ़ावा
MICE का मतलब है मीटिंग्स, इंसेंटिव्स, कॉन्फ्रेंसिंग और एग्जिबिशन्स. इस सभी से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रगति मैदान, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और इंदिरा गांधी स्टेडियम का बेहतर उपयोग होगा. होटल और वर्कर हाउसिंग में वृद्धि के साथ रेस्तरां नियमों में छूट दी जाएगी. बैंकों के सहयोग से MICE ढांचे को मजबूत किया जाएगा. दिल्ली सरकार ने जनता और कारोबारियों से 30 जुलाई तक सुझाव मांगकर नीति को और बेहतर बनाने का आह्वान किया है.